धर्म और आस्था का संगम है श्री जगन्नाथ पुरी रथयात्रा 
                        Astrology
            Anirudh Sharma
अनिरुद्ध शर्मा प्रतिवर्ष भारत में आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह रथयात्रा महोत्सव 3 जुलाई से 10 जुलाई तक मनाया जाएगा। सबसे प्रतिष्ठित समारोह जगन्नाथ पुरी में मनाया जाता है। यह स्थान भुवनेश्वर से साठ किमी की दूरी पर है। प्राचीन काल में पुरी को पुरुषोत्तम क्षेत्र कहा जाता था। यहां का जगन्नाथ मंदिर अपनी ऐतिहासिक रथयात्रा के लिए सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। पश्चिमी समुद्रतट से लगभग डेढ़ किमी दूर उत्तर में नीलगिरि पर्वत पर स्थित यह प्राचीन मंदिर कलिंग वास्तुशैली में बना 12वीं सदी का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण नरेश चोड़गंग ने करवाया था।
            
            
            
                
                    पुरी में देवस्नान के लाखों ने किए दर्शन 
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ओडिसा के पुरी शहर में बुधवार को देश के विभिन्न हिस्सों से आए 200,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने तीन देवताओं के स्नान संस्कार के दर्शन किए। देवस्नान का यह अनुष्ठान प्रसिद्ध रथयात्रा के पहले सम्पन्न होता है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
            
            
            
                
                    चंद्रग्रहण का राशियों पर प्रभाव 
                        Astrology
            Pt. Rajesh Sharma
15 जून 2011 को होने वाला पूर्ण चन्द्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। वर्ष 2005 में पन्द्रह दिनों में दो बार 8 अप्रैल और 24 अप्रैल को सूर्य और चंद्र ग्रहण एक साथ पड़े थे तथा 03 अक्टूबर और 17 अक्टूबर को फिर दोबारा ग्रहण पडे थे। इस की वजह से प्राकृतिक आपदाओं ने भारी तबाही मचायी थी। साल 2005 और 2011 का अंत शनिवार के साथ होगा। 2005 में चंद्रमा धनु राशि में स्थित था तथा 2011 में यह मीन राशि में स्थित होगा। यह भी संयोग है की दोनों वर्ष का अंतिम दिन चंद्रमा गुरु के स्वामित्व वाली राशि में होगा सन् 2011 में 6 ग्रहण हैं जबकी 2005 में 4 ग्रहण हुए थे।
            
            
            
                
                    130 साल बाद पड़ेगा इतना लंबा चंद्रग्रहण 
                        Astrology
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पूनम के चांद की खूबसूरती का भला कौन कायल नहीं होगा लेकिन आपने पूनम का चांद ऐसा कभी नहीं देखा होगा जो धूमिल पड़ते-पड़ते कटने लगे और एक बिंदु पर आकर पूरा गायब तो नहीं लेकिन एक लाल या तांबई रंग के गोले में बदल जाए। कुछ ऐसा ही नजारा आज रात आसमान में घटने वाला है।
            
            
            
                
                    उल्लास से मनाया गया गंगा दशहरा 
                        Astrology
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देश में गंगा दशहरा के मौके पर शनिवार को हजारों लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई और प्रार्थना कर दान-पुण्य किया।
            
            
            
                
                    शनि जयंती पर करें शनि को प्रसन्न 
                        Astrology
            Pt. Rajesh Kumar Sharma
शनि देव को समस्त ग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह माना गया है, शनिदेव की जयन्ती 1 जून 2011 को है
            
            
            
                
                    मानव-समुदाय के कल्याण के लिए है :  पंचक्रोशी यात्रा 
                        Astrology
            agency
दुनिया के प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन की पंचक्रोशी यात्रा को दिव्यशक्तियों के निकट ले जाने वाला माना जाता है। यात्रा सम्पूर्ण मानव-समुदाय के कल्याण के लिए निकाली जाती है। छह दिनों तक चलने वाली पंचक्रोशी यात्रा 118 किलोमीटर दूरी तय करते हुए तीन मई को समाप्त होगी।
            
            
            
                
                    जीवन की समस्याओं का निदान है वास्तु शास्त्र 
                        Astrology
            Vijay Pathak
वास्तु शास्त्र भवन-निर्माण का विज्ञान है। वास्तु के आधार पर बना भवन ब्रह्माण्ड से सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करता है और भवन के अंदर ऊर्जा का संतुलन बना रहता है, जिससे वहाँ सुख, शांति, प्रगति और सौहार्द का माहौल उत्पन्न होता है।
            
            
            
                
                    शनि प्रदोष व्रत का महत्व 
                        Astrology
            Punit Pandey
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना गया है। चैत्रादि प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण दोनों पक्षों के तेरहवें दिन अर्थात त्रयोदशी को प्रदोष व्रत कहलाता है और इस दिन किए जाने वाले व्रत को प्रदोष व्रत की संज्ञा दी गयी है।
            
            
            
                
                    दुर्गा पूजा में बालिका पूजन का महात्म्य 
                        Astrology
            Vijay Pathak
नवरात्रि बालिका पूजन के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती। हमारे शास्त्रों में बालिका पूजन को अत्याधिक अहमियत दी गई है। शास्त्रों के मुताबिक जिस जगह सभी कन्याओं की पूजा होती है,वह भूमि परम पावन है। विशेष बात यह कि बालिका पूजन में कहीं जाति का कोई भेद नहीं रखा गया और सभी कन्याओं को समान रुप से पूज्य माना गया।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।