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लंदन। रोजाना तीन पैग शराब पीने से लंबी उम्र पाने में मदद मिलती है। यह बात एक ताजा अध्ययन में सामने आई है।
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वाशिंगटन। मछली खाना बच्चों के दिमागी और तंत्रिका संबंधी विकास के लिए बेहद जरूरी है।
पं.जयगोविन्द शास्त्री
किसी शायर ने कहा है कि तरक्कियों के दौर में उसी का तरीका चल गया, बनाके अपना रास्ता जो भीड़ से आगे निकल गया। यानी सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश में अपनी मेहनत के बल पर पहचान बनाना आसान काम नहीं है।
Punit Pandey
इस बार हम जानेंगे की दशाफल का निर्धारण कैसे करें। विंशोत्तरी दशा काल निर्धारण का अति महत्वपूर्ण औजार है। दशाफल अर्थात किस दशा में हमें क्या फल मिलेगा। दशाफल निर्धारण के लिए कुछ बातें ध्यान रखने योग्य हैं -
Ankush Khungar
मुख्यतः सातवाँ भाव विवाह, पत्नी या पति और वैवाहिक सुख को दर्शाता है। यदि सातवाँ भाव मंगल के प्रभाव में हो (दृष्टि या स्थिति द्वारा), तो यह मंगल दोष की स्थिति पैदा करता है।
एम. एस. कोण्डल
जन्म-कुण्डली में कुछ ग्रहों की ख़राब स्थिति या प्रभाव के कारण जातक जीवन में कई ऋणों का भागी बन जाता है। इसके चलते ज़िन्दगी में उसकी प्रगति पर भी असर पड़ता है, क्योंकि कुछ ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव अच्छे ग्रहों को भी सकारात्मक प्रभाव देने से रोक देते हैं।
Punit Pandey
पिछली बार हमनें जाना था कि हर ग्रह की दशा की अवधि निश्चित है। जैसे सूर्य की छह साल, चंद्र की 10 साल, शनि की 19 साल आदि। कुल दशा अवधि 120 वर्ष की होती है। आपको मालूम है कि जन्म के समय चन्द्र जिस ग्रह के नक्षत्र में होता है, उस ग्रह से दशा प्रारम्भ होती है। दशा कितने वर्ष रह गयी इसके लिए सामान्य अनुपात का इस्तेमाल किया जाता है।
Punit Pandey
ज्योतिष में किसी भी घटना का कालनिर्णय मुख्यत: दशा और गोचर के आधार पर किया जाता है। दशा और गोचर में सामान्यत: दशा को ज्यादा महत्व दिया जाता है। वैसे तो दशाएं भी कई होती हैं परन्तु हम सबसे प्रचलित विंशोत्तरी दशा की चर्चा करेंगे और जानेंगे कि विंशोत्तरी दशा का प्रयोग घटना के काल निर्णय में कैसे किया जाए।
Acharya Ram Hari Sharma
वास्तुशास्त्र के वैज्ञानिक आधार हैं, और कई बार यह बात साबित हो चुकी है। वास्तु शास्त्र का मूलाधार पांच तत्व हैं।
पुनीत पांडे
किसी कुण्डली में क्या संभावनाएं हैं, यह ज्योतिष में योगों से देखा जाता है। भारतीय ज्योतिष में हजारों योगों का वर्णन है जो कि ग्रह, राशि और भावों इत्यादि के मिलने से बनते हैं। हम उन सारे योगों का वर्णन न करके, सिर्फ कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों का वर्णन करेंगे जिससे हमें पता चलेगा कि जातक कितना सफल और समृद्ध होगा। सफतला, समृद्धि और खुशहाली को मैं 'संभावना' कहूंगा।