एक्टिंग की दुनिया से स्थापित होना चाहता हूं : साहित्य सहाय
Interview
Piyush Pandey
भोजपुरी फिल्मों की दुनिया में एक नया नाम जुड़ गया है साहित्य सहाय का। हाल ही में साहित्य की पहली फिल्म “ का उखाड़ लेबा ” बिहार, छत्तीसगढ़ और पंजाब में रीलिज़ हुई है। मुंबई में पले बढ़े साहित्य का बिहार की धरती से गहरा संबंध रहा है। लेकिन साहित्य खुद को एक कलाकार के तौर पर किसी भाषा या फिर प्रदेश से जुड़ा हुआ नहीं देखते हैं। साहित्य अपने नाम की तरह ही अपने काम को विस्तार और गहराई देना चाहते हैं। पेश है साहित्य सहाय के साथ एक छोटी सी बातचीत --
अच्छे बोल के बिना संगीत अधूरा है : विजय वर्मा
Interview
Piyush Pandey
प्रकाश झा की फिल्म ‘चक्रव्यूह’ के चर्चित गीत ‘महंगाई...’ से सुर्खियों में आये संगीतकार विजय वर्मा अब हिन्दी सिनेमा जगत में नयी पहचान गढ़ रहे हैं। मूलत: बिहार के रहने वाले विजय वर्मा ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए काफी पापड़ बेले हैं। लेकिन, अब उन्हें लग रहा है कि उनकी मेहनत रंग लाने लगी है। उनके संघर्ष, कामयाबी और आगामी योजनाओं पर उनसे बात की पीयूष पांडे ने।
फिल्में इमोशन्स की फैक्ट्री हैं : संदीप मारवाह
Interview
Piyush Pandey
मारवाह फिल्म अकादमी, प्रोड्क्शन हाउस और इनके प्रमुख संदीप मारवाह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। नोएडा फिल्म सिटी के संस्थापक संदीप मारवाह बहुमुखी प्रतिभा के धनी शख्स हैं। वह फिल्मी दुनिया से बीते 22-23 साल से जुड़े हैं और कई फिल्मों के निर्माता रहे हैं। भारत के बदलते फिल्मी परिदृश्य, मारवाह स्टूडियो की स्थापना और उनकी दूसरी योजनाओं के बारे में उनसे बात की पीयूष पांडे ने।
छोटे बजट की फिल्मों के प्रचार में सोशल मीडिया की भूमिका अहम : शिवम नायर
Interview
Piyush Pandey
‘सीहॉक्स’ और ‘अनकही’ जैसे धारावाहिकों और ‘आहिस्ता-आहिस्ता’ एवं ‘महाराथी’ जैसी फिल्मों के निर्देशक शिवम नायर का नाम इंडस्ट्री में बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। उनका मानना है कि रचनात्मक लोगों के लिए फिलहाल टेलीविजन की दुनिया में ज्यादा जगह नहीं है,क्योंकि टीआरपी केंद्रित चैनल नये विषयों के साथ प्रयोग नहीं करना चाहते। शिवम नायर इन दिनों फिल्म ‘रंगीन’ बनाने जा रहे हैं। उनसे खास बात की पीयूष पांडे ने।
agency
मॉडल-अभिनेता मिलिंद गुणाजी लाइफ ओके चैनल के धारावाहिक हम ने ली शपथ से फिर छोटे पर्दे का रुख कर रहे हैं। सीरियल में वह गर्म मिजाज एसीपी के किरदार में दिखायी देंगे। वह जल्द ही हॉलीवुड का भी रुख कर रहे हैं। सीरियल और भविष्य की योजनाओं पर मिलिंद गुणाजी से खास बात-
बिना ज़ुनून के तो कोई काम नहीं बनता : बोइशाली सिन्हा
Interview
Piyush Pandey
वह अभी महज 25 साल की हैं। वह खूबसूरत हैं। वह बॉलीवुड में ऐसे क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिसमें ज्यादा महिलाएं नहीं हैं और आम लोगों की समझ इस फील्ड के बारे में कम है। जी हां, दिल्ली की बोइशाली सिन्हा कला निर्देशक यानी आर्ट डायरेक्टर हैं। पेटिंग की दुनिया में खासी सक्रिय रहीं बोइशाली ने हाल में 'राउडी राठौर' में बतौर सहायक कला निर्देशक काम किया और अब वह खुद स्वतंत्र कला निर्देशक के रुप में अपनी पहचान गढ़ रही हैं। पीयूष पांडे ने उनसे बात की।
निगेटिव रोल का करियर पर पॉजिटिव असर हुआ : गुलशन देवैया
Interview
Ashish
गुलशन देवैया का नाम उतना बड़ा नहीं है, जितना काम है। दम मारो दम से लेकर शैतान तक में उनके अभिनय का जलवा दर्शक देख चुके हैं। अपने हर किरदार से अभिनय का अलग आयाम टटोलते गुलशन के हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में आने से लेकर आगे की योजनाओं पर बात की आशीष ने।
काश! अब मेरे लिए भी रोल लिखे जाएं : पंकज त्रिपाठी
Interview
Ashish Tiwari
'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में सुल्तान के किरदार से चर्चा में आए अभिनेता पंकज त्रिपाठी काफी साल से मुंबई में संघर्षरत हैं। एनएसडी से ट्रेनिंग लेने के बावजूद मुंबई में उनका सफर आसान नहीं रहा। मूलत: बिहार के गोपालगंज से ताल्लुक रखने वाले पंकज को गैंग्स से नयी पहचान मिली है और उन्हें भविष्य में अपने लिए भूमिकाएं लिखे जाने की उम्मीद बंधी से। पंकज के संघर्ष से लेकर सुल्तान की भूमिका मिलने तक कई मुद्दों पर उनसे खास बात की आशीष ने।
जीता तो माठ की तस्वीर और तकदीर बदल दूंगा : संजय लाठर
Interview
agency
पत्रकारिता में पीएचडी और वकालत में एलएलएम समेत तीन मास्टर डिग्री हासिल कर चुके समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. संजय लाठर ने उत्तर प्रदेश के माठ विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मुकाबले में ला कर खड़ा कर दिया है। राष्ट्रीय लोकदल महासचिव जयंत चौधरी के इस्तीफे के बाद खाली हुई यह सीट पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है तो समाजवादी पार्टी जीतकर अपना परचम लहराना चाहती है। संजय लाठर से खास बात की विकास चौधरी ने।
सफलता के लिए रिस्क लेना ज़रुरी है : राकेश मेहता
Interview
agency
मुंबई शहर में जिंदगी की आपाधापी के बीच ‘लग गई’ शब्द इतना सामान्य हो गया है कि लेखक-निर्देशक राकेश मेहता ने इस नाम और इस नाम के पीछे छिपे फलसफे को अपनी फिल्म ‘लाइफ की तो लग गई’ का आधार बना डाला। राकेश मेहता की यह फिल्म 20 अप्रैल को प्रदर्शित हो रही है। फिल्म विशुद्ध कॉमेडी है, और निर्देशक का दावा है कि दर्शक सिनेमाघर से बाहर निकलने के बाद भी याद रखेंगे। इस फिल्म के विचार से दिल्ली से मुंबई पहुंचने के राकेश मेहता के सफर पर उनसे खास बात की पीयूष पांडे ने।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।