5 अगस्त 2013
मुंबई|
जाने-माने डिजाइनर तरुण ताहिलियानी मानते हैं कि वैवाहिक पोशाकों को हल्का होना चाहिए और इसीलिए उन्हें बनाते समय उनकी सही बनावट सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। आईएएनएस से बातचीत में ताहिलियानी ने कहा, "वैवाहिक लिबास बनाते समय आपको तालमेल का ध्यान रखना होगा ताकि पहनने वाले को यह न लगे कि वो कवच पहन घूम रहा है।"
ताहिलियानी ने हाल ही में तरुण ताहिलियानी काउचर एक्सपॉजीशन 2013 में अपने ब्राइडल संग्रह को पेश किया।
इस समय जब सभी डिजाइनर अपने वैवाहिक संग्रहों की झलक दिखा चुके हैं, ताहिलियानी मानते हैं कि वे अपने 'परिष्कृत' डिजाइंस के जरिए सबसे अलग हैं।
उन्होंने कहा, "मेरी पोशाकों का सृजन औरों व उनके काम के आगे बेहद 'परिष्कृत' है। मुझे लगता है कुछ लोग व उनकी डिजाइनिंग दोयम दर्जे की है।"
इतने वैवाहिक संग्रह पेश करने के बाद भी आपके संग्रह में नयापन कैसे है? पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं डिजाइन और प्रेरणा पर बहुत काम करता हूं..पढ़ता बहुत हूं। यह मैं इसलिए करता हूं चूंकि मुझे इससे प्यार है। जिस दिन इसके लिए प्रेरणा नहीं मिलेगी, उस दिन रुक जाऊंगा।"
उनके नए संग्रह में दूधिया पत्थर, मोती व अन्य स्वारोवस्की क्रिस्टल जड़ित कुर्तो की व्यापक रेंज मिलेगी। साड़ियों पर सोने-चांदी का पुरातन काम, गोटा, चिकनकरी और बंधिनी का काम दिखेगा।