25 अप्रैल 2011
हैदराबाद। सत्य साईं बाबा का अंतिम संस्कार होने के बाद बुधवार को श्री सत्य साईं केंद्रीय न्यास की बैठक होगी, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। बाबा के निधन से उनके 40,000 करोड़ रुपये कीमत के साम्राज्य पर सवाल उठ खड़ा हुआ है।
साईं बाबा के निधन के बाद अब न्यास यह तय करेगा कि इसकी गतिविधियों को कैसे आगे बढ़ाया जाए और इसका नेतृत्व किसे करना चाहिए, क्योंकि बाबा ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी को भी अपना उत्तराधिकारी नहीं नामित किया है।
यह बैठक ऐसे समय में होगी, जब न्यास के कुछ सदस्यों और बाबा के रिश्तेदारों के बीच विवाद की खबरें आई हैं।
न्यास इस बारे में भी निर्णय ले सकता है कि क्या बाबा के निजी सेवक सत्यजीत को न्यास में शामिल किया जाए या नहीं।
बाबा के निधन के बाद से ही पुट्टापर्थी में यह अफवाह उड़ रही है कि बाबा सत्यजीत को न्यास का प्रमुख बनाए जाने सम्बंधी एक इच्छापत्र छोड़ गए हैं। कहा जाता है कि बाबा ने पिछले वर्ष कहा था कि सत्यजीत को न्यास में प्रमुख जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
33 वर्षीय सत्यजीत बाबा के बहुत करीबी थे और 28 दिनों के इलाज के दौरान सत्य साई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में वह बाबा के पास हमेशा मौजूद रहे।
बाबा ने कई अवसरों पर सत्यजीत की निष्ठा व सेवा की तारीफ की थी। बाबा 28 मार्च को जब से अस्पतान में भर्ती हुए थे, प्रशांति निलयम में भक्तों का एक वर्ग सत्यजीत की अस्पताल में उपस्थिति से नाखुश था।
तमिलनाडु निवासी सत्यजीत पांच वर्ष की उम्र में ही पुट्टापर्थी आए थे। उन्होंने सत्य साईं स्कूल में पढ़ाई की और सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निग से एमबीए की डिग्री हासिल की।
चूंकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.किरण कुमार रेड्डी ने सरकारी हस्तक्षेप की सम्भावना को खारिज कर दिया है, लिहाजा अब न्यास के छह सदस्य इसका भविष्य तय करेंगे।
अभी तक न्यास की सभी बैठकें संस्थापक, अध्यक्ष सत्य साईं बाबा की अध्यक्षता में होती थीं। यह पहली बैठक होगी, जिसमें बाबा मौजूद नहीं होंगे।
प्रशांति निलयम के करीबी सूत्रों के अनुसार, यद्यपि चेक पर हस्ताक्षर करने का अधिकार न्यास के सदस्य के.चक्रवर्ती के पास था, लेकिन उन्हें इस अधिकार के उपयोग का अवसर कभी नहीं मिला। देश और देश के बाहर न्यास की सभी गतिविधियों के लिए केवल बाबा की अनुमति पर ही धनराशि जारी होती थी।
बाबा के भतीजे आर.जे.रत्नाकर न्यास के एक मात्र सदस्य हैं, जो साई बाबा के परिवार से हैं। खबर है कि वह वित्तीय मामलों में अधिक अधिकार चाहते हैं।
न्यास के सदस्यों में चक्रवर्ती और रत्नाकर के अलावा सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश पी.एन.भगवती, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त एस.वी.गिरि, चार्टर्ड एकाउंटेंट व उद्यमी इंदूलाल शाह, टीवीएस मोटर्स के वेणु श्रीनिवासन शामिल हैं।
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