जब गुरूवार को दिल्ली में रिषि कपूर की फिल्म दो दूनी चार के नाम का नेशनल फिल्म अवॉर्डस में बेस्ट हिंदी फिल्म के लिए ऐलान हो रहा था, उस वक्त रिषि कपूर न्यूयॉर्क के एक होटल में सोए पड़े थे और जब लोगों ने उन्हें बधाइयां देनी शुरू कीं तो उन्हें लगा कि न्यूयॉर्क में वो जो अवॉर्ड लेने आए हैं, उसके लिए ये कॉल्स आए हैं। अवॉड्स के ऐलान के ठीक तीन घंटे बाद उनसे बातचीत की पूजा शर्मा ने.......
सर पहले तो आपको और नीतू जी को ढेरों बधाई।
धन्यवाद आपकी बधाई के लिए।
सर कैसा लग रहा है, एक तरफ आप नीतूजी के साथ एक अव़ॉर्ड लेने न्यूयॉर्क में हैं, और ऐसे में देश से सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिलने की खबर आती है?
बहुत खुशी हुई कि इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला है, और ये दोहरी खुशी है कि इस वक्त न्यूयॉर्क में भी मैं एक अवॉर्ड लेने ही आया हुआ हूं। न्यूयॉर्क-इंडिया फिल्म फेस्टीवल में भी मुझे बेस्ट एक्टर का ही अवॉर्ड मिला है।
सर आपके खाते में ये पांचवा नेशनल अवॉर्ड है, कितने ऐक्साइटेड हैं आप?
मेरा नाम जोकर, एक चादर मैली सी, दामिनी और चांदनी के बाद इस साल ये दो दूनी चार। ये मेरी पांचवी फिल्म है, जिसे नेशनल अवॉर्ड मिला है। नेशनल अवॉर्ड एक्साइटमेंट तो देता ही है और इसका साफ मतलब है कि आप ठीक जा रहे हैं, लोग आपको पसंद कर रहे हैं।
सर आपकी फिल्मों को तो अवॉर्ड मिलते हैं, लेकिन आपको इंडीव्यूजली ये अवॉर्ड कभी नहीं मिला, सालता नही है ये आपको?
देखिए, इससे ये तो पता चलता है कि मेरी फिल्में अच्छी बनती हैं, और वैसे भी हम लोग कॉमर्शियल एक्टर हैं, नेशनल अवॉर्ड्स बॉलीवुड के कॉमर्शियल एक्टर्स के खाते में कम ही आता है, जितनी बार ये वॉलीवुड वालों को मिला है, उससे तीन गुना ये रीजनल आर्ट फिल्मों के लोगों को मिला है। उसका क्राइटेरिया फिल्म फेयर जैसे एंटरटेनिंग फिल्म फेस्टीवल्स से बिलकुल अलग है। ऐसे में तो मैं काफी लकी हूं कि आर्ट मूवीज ना बनाने के बावजूद मेरी पांच पांच फिल्में इसके लिए चुनी गई हैं आज तक।
और अब जब नई कैटगरी पॉपुलर और एंटरटेनिंग फिल्मों की रखी गई है, उसके बारे में क्या कहेंगे, क्या दबंग जैसी फिल्म आपको नेशनल अवॉर्ड के लायक लगती है?
मैं दूसरों की फिल्मों पर कोई कमेंट नहीं करूंगा लेकिन मुझे लगता है कि नई कैटगरी से वॉलीवुड में कमर्शियल सिनेमा से जुड़े लोगों का मोरल हाई होगा।
पहली खबर आपको किसने दी?
मुझे जब इंडिया से जर्नलिस्टस के लगातार बधाई मैसेज मिले तो बहुत देर तक तो मुझे लगा कि मुझे न्यूयॉर्क में मुझे जो अवॉर्ड मिला है, उसके लिए ये बधाइयां हैं। लेकिन बाद में पता चला कि मुझे नेशनल अवॉर्ड मिला है, तो नींद ही आखों से चली गई। जिस वक्त दिल्ली में अवॉर्डस का एनाउंसमेंट हो रहा था, यहां सुबह के छह सात बज रहे थे।
खबर सुनते ही आपका पहला रिएक्शन क्या था?
भई अवॉर्डस मिलते हैं, तो खुशी तो होती ही है। और फिर ये तो नेशनल अवॉर्ड है, सो दोगुनी खुशी है। और अचानक से खबर मिले, जब आपको उम्मीद ना हो तो हैरत भऱी खुशी होती है।
नीतू जी आपके साथ हैं, उन्होंने भी आपके साथ फिल्म में काम किया है, उनका क्या रिएक्शन था?
उनके रिएक्शन का तो मैं वेट कर रहा हूं, जब आप मुझसे बात कर रही हैं, नीतूजी सो रही हैं। न्यूयॉर्क में सुबह के नौ बज रहे हैं और मैं बैठकर अकेला चाय पी रहा हूं।
क्या आप बताएंगे कि इस फिल्म का ऑफर आपको कैसे मिला, और आप और नीतूजी एक साथ फुल फ्लैज्ड रोल में काम करने के लिए कैसे तैयार हो गए?
ये भी दिलचस्प वाकया है कि अरिंदम चौधरी साहब ने ऑफर भिजवाया था। पूरा किस्सा बताऊंगा तो काफी वक्त लग जाएगा, वैसे भी अभी लोगों के इतने फोन आ रहे हैं। इंडिया आकर आपको जरूर बताऊंगा।
ये बताइए नीतूजी की बधाई तो आपको अभी तक नहीं मिली, क्या आपके बेटे रणवीर ने बधाई दी?
बिलकुल। फोन तो नहीं आया लेकिन रणवीर का मैसेज आया था। हम यहां हैं, और रणवीर लंदन में हैं। किसी फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में, जब नीतू जगेंगी तो बात करेंगे।
जब नीतूजी के साथ की गई फिल्म में ये बड़ा अवॉर्ड मिला है, तो हम फिर से इस जोड़ी को परदे पर कब देख पाएंगे?
जी अभी तक ऐसा कोई आइडिया नहीं है, कोई अच्छा ऑफर मिलेगा तो जरूर साथ आएंगे।
दिल्ली सिक्स के बाद आपने फिर से एक दिल्ली बेस्ड फिल्म में काम किया, दो दूनी चार की तो आपने शूटिंग भी काफी हद तक दिल्ली और नोएडा में ही की थी। कैसा अनुभव रहा?
कलाकारों के लिए शहर से कोई फर्क नहीं पड़ता, दिल्ली में तो मैंने तमाम फिल्मों की शूटिंग की है, और जो एनवायरमेंट हमें अपने किरदारों और कहानी के हिसाब से चाहिए था, वो दिल्ली और नोएडा में ही था। एक मिडिल क्लास टीचर की दिलचस्प कहानी के परफैक्ट बैकग्राउंड के लिए ही उन जगहों का सलेक्शन किया गया था।
अब आखिरी सवाल, कैसे सेलीब्रेट करेंगे इस खुशी को?
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