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रामदेव अनशन पर अटल, मंत्रियों से वार्ता विफल

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3 जून 2011

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ शनिवार से प्रस्तावित बाबा रामदेव के अनशन को लेकर केंद्र सरकार और योग गुरु के बीच बातचीत शुक्रवार को विफल हो गई। प्रारम्भ में संकेत मिला था कि कोई समझौता हो जाएगा।
 
सरकार की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने बाबा रामदेव से दिल्ली के क्लेरिजेज होटल में अपराह्न् दो बजे मुलाकात की और चार घंटे तक बातचीत की।
 
सूत्रों के अनुसार, कोई समझौता इसलिए नहीं हो पाया, क्योंकि रामदेव ने रामलीला मैदान में अपनी योजना के मुताबिक शनिवार से अनशन शुरू करने की बात दोहराई।
 
बाबा रामदेव के साथ बातचीत के बाद सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि यद्यपि सरकार ने रामदेव द्वारा खड़े किए गए मुद्दों के लिखित जवाब दिए, फिर भी कोई समझौता नहीं हो सका।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या रामदेव को अनशन की अनुमति दी जाएगी, सिब्बल ने कहा, "उनकी योजनाओं के बारे में मुझे कुछ नहीं पता।"
 
रामदेव के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं थे। योग गुरू बाबा रामदेव ने शुक्रवार को कहा कि उनका अनशन शनिवार से अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुरू होगा। उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन का कोई गुप्त राजनीतिक या साम्प्रदायिक एजेंडा नहीं है, यह देश में व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई है।

उन्होंने कहा कि वह विदेशों में जमा भारतीयों के 400 लाख करोड़ रुपये के काले धन को वापस लाकर देश की गरीबी और भुखमरी दूर करना चाहते हैं। इस बीच केंद्र सरकार के दो मंत्रियों -कपिल सिब्बल व सुबोध कांत सहाय ने अपनी अंतिम कोशिशों के तहत बाबा रामदेव से यहां द क्लेरिजेज होटल में मुलाकात की।

सूत्रों ने बताया कि योग गुरु ने लोगों की नजरों से बचने के लिए होटल में कर्मचारियों के प्रवेश करने वाले रास्ते से प्रवेश किया। बातचीत के लिए इस होटल का चयन एक तटस्थ परिसर के रूप में किया गया। मंत्री रामलीला मैदान नहीं जाना चाहते थे, क्योंकि इसका यह संदेश जाता कि सरकार बाबा को बहुत अधिक महत्व दे रही है। रामदेव भी किसी मंत्रालय नहीं जाना चाहते थे, क्योंकि उनके अनुयायियों के बीच इसका गलत संदेश जाता।

होटल के लिए प्रस्थान करने से पूर्व बाबा रामदेव ने अपने समर्थकों से कहा कि अनशन अपने तय कार्यक्रम के अनुरूप शुरू होगा। रामलीला मैदान में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, "हमारा आंदोलन पूरी तरह से संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरीके से संचालित होगा और हम किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है बल्कि हमारी लड़ाई व्यवस्था बदलने के लिए है। भ्रष्टाचारियों को मृत्युदण्ड देकर इस देश से भ्रष्टाचार खत्म किया जाना चाहिए और भारत के प्राचीन गौरव को पुनस्र्थापित किया जाना चाहिए।"

आंदोलन के समर्थन में देशभर से यहां आए लोगों को धन्यवाद देते हुए रामदेव ने कहा, "हम उन करोड़ों भारतीयों के लिए उपवास करने जा रहे हैं, जो हर रात भूखे सो जाते हैं। यह लड़ाई इतनी आसान नहीं है, क्योंकि हम जिनके खिलाफ लड़ने जा रहे हैं वे लोग बहुत मजबूत हैं। वे शांत नहीं रहेंगे। पूरा देश भ्रष्टाचार की लड़ाई में जुड़ रहा है। लोग उत्साह के साथ इसमें हिस्सा ले रहे हैं।"

बाबा रामदेव ने कहा कि कई विकसित देश अपनी अर्थव्यवस्था पर हजारों करोड़ रुपये का जो कर्ज दिखाते हैं वह कर्ज कुछ और नहीं भारतीयों के द्वारा उन देशों में जमा कराया गया काला धन है। उन्होंने कहा कि एक ओर भारतीयों का लाखों करोड़ रुपये विदेशों में काले धन के रूप में जमा है और दूसरी ओर देश की 85 प्रतिशत आबादी गरीबी और अभाव में जी रही है।

उन्होंने कहा, "मुझसे कुछ लोग पूछते हैं कि आप तो योगी हैं आपको भ्रष्टाचार से क्या सरोकार आप अपनी सीमा का उल्लंघन कर रहे हैं। मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं कि यह मेरी सीमा का उल्लंघन नहीं बल्कि योग का विस्तार है। चोरी नहीं करना योग है, सच बोलना योग है, अच्छा आचरण योग है।"

उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचारियों का कोई धर्म नहीं होता, वे इंसान के वेष में शैतान हैं। सभी भ्रष्ट मंत्रियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए।"

भ्रष्टाचार सम्बंधी मामलों से निपटने के लिए द्रुत गति अदालतों की स्थापना का आह्वान करते हुए रामदेव ने कहा, "हमारे न्यायालयों में 3.5 करोड़ मामले लम्बित हैं। भ्रष्टाचार व काले धन के मामले भी उन्हीं न्यायालयों में चल रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने के लिए अलग अदालतें होनी चाहिए।"

अप्रैल में अन्ना हजारे के जनांदोलन के अनुभव से भयभीत सरकार को इस बार कहीं अधिक बड़े आंदोलन की आशंका है। लिहाजा मंगलवार को कांग्रेस की कोर समिति की बैठक में बाबा रामदेव से बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया गया था।

कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह सहित पार्टी के कुछ नेता चाहते हैं कि सरकार रामदेव को अनशन पर न बैठने दे, और यदि वह न मानें तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए।

रामदेव के आंदोलन की आलोचना करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि बाबा रामदेव संत से अधिक उद्योगपति हैं। उन्होंने कहा कि रामदेव अपने योग शिविरों में विशेष पंक्तियों में बैठाने के लिए लोगों से भारी धनराशि वसूलते हैं।

एक प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रियों से मुलाकात के बाद रामदेव भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए शहर स्थित भगत सिंह पार्क जाएंगे। रामदेव की राजघाट जाने की भी योजना है।

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