नई दिल्ली, 22 अगस्त
दिल्ली की एक अदालत ने बुद्ध जयंती पार्क में वर्ष 2003 में हुए एक सामूहिक बलात्कार मामले में राष्ट्रपति के दो सुरक्षाकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उनकी करतूत को एक संगीन अपराध की संज्ञा दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.के.सरवरिया ने हरप्रीत सिंह और सत्येंद्र सिंह को दिल्ली विश्वविद्यालय की 17 वर्षीय छात्रा के साथ बलात्कार करने के अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि कुलदीप सिंह और मनीष कुमार को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा स़ुनाई गई है। अदालत ने हरप्रीत और सत्येंद्र सिंह पर 9,000 रुपये का जुर्माना भी किया है। अन्य दोनों दोषियों पर सात-सात हजार का जुर्माना किया गया है।
इन चारों को भारतीय दंड संहिता की धारा 394 (डकैती), 366(अपहरण) और 34 (सामूहिक इरादा) के तहत दोषी पाया गया।
हरप्रीत और सत्येंद्र को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2जी) के तहत सामूहिक बलात्कार का भी दोषी ठहराया गया।
न्यायाधीश सरवरिया ने अपने 112 पृष्ठों के फैसले में कहा है कि सत्येंद्र और हरप्रीत राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति के अंगरक्षक के रूप में काम कर रहे थे। उन्हें देश के राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने ऐसे संवेदनशील जगह पर तैनात होने के बावजूद इस तरह के एक जघन्य अपराध को अंजाम दिया। उनका यह कृत्य कठोर सजा की मांग करता है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अपने दोस्त के साथ राष्ट्रपति भवन के समीप स्थित बुद्ध जयंती पार्क में छह अक्टूबर 2003 को घूमने गई पीड़िता के साथ हरप्रीत और सत्येंद्र ने बलात्कार किया था, जबकि अन्य दो कुलदीप और मनीष ने उनकी निगरानी की थी।
अभियोजन पक्ष ने सामूहिक बलात्कार की पुष्टि के लिए 25 गवाहों को पेश किया था।
अभियोजन ने कहा कि चारों ने पहले तो लड़की के दोस्त को मारा-पीटा और फिर लड़की को पार्क के एक सुनसान स्थान पर ले जाया गया जहां उसके साथ बलात्कार किया गया।
(IANS)
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