16 मई 2011
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मारे जाने के बाद बदले सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर सोमवार को सेना की तीनों इकाइयों के प्रमुखों से मुलाकात की और सुरक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ने सुरक्षा समीक्षा ऐसे समय में की है, जब एक दिन पूर्व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, इंटर सर्विसिज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख, अहमद शुजा पाशा ने भारत को चेतावनी दी थी कि यदि नई दिल्ली ने एबटाबाद जैसी कोई कार्रवाई की तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, क्योंकि भारत के अंदर लक्ष्यों की पहचान हो चुकी है और हमले के अभ्यास भी कर लिए गए हैं।
इसके अलावा इस तरह की भी खबरें आई हैं कि चीनी सैनिक पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद हैं।
सूत्रों ने यहां बताया कि 90 मिनट तक चली यह बैठक प्रधानमंत्री आवास पर हुई। बैठक में रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, रक्षा सचिव प्रदीप कुमार, थलसेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल निर्मल वर्मा और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल पी.वी. नाइक ने हिस्सा लिया।
बैठक में आतंकवादियों द्वारा सम्भावित सुरक्षा खतरों और पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के पारम्परिक खतरों से निपटने की सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की गई।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां कहा, "प्रधानमंत्री को सम्पूर्ण सुरक्षा उपायों और रक्षा बलों की नियमिति तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। पाकिस्तान में और भारत-चीन सीमा पर बदल रहे सुरक्षा हालात के बारे में चर्चा की गई।"
यह महत्वपूर्ण बैठक ऐसे समय में हुई जब पिछले ही सप्ताह रक्षा मंत्री एंटनी ने खासतौर से समुद्री एजेंसियों के साथ देश की और तटीय सुरक्षा की दो दिवसीय सम्पूर्ण समीक्षा की थी।
यह बैठक इसलिए भी महत्व रखती है, क्योंकि अभी दो ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दो दिवसीय अफगानिस्तान दौरे से लौटे हैं। वहां उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की थी।
भारतीय सेना ने उन खबरों के लिहाज से अपनी सतर्कता बढ़ा दी है, जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश कर सकता है। सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में छद्म भेष में मौजूद चीनी सैन्य कर्मियों को लेकर भी सतर्कता बढ़ाई है।
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