बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर का मानना है कि 'ऑस्कर' जैसे मंच पर सफलता पाने के लिए भारत को अपनी मिट्टी की खुशबू वाली और अपने मुद्दों व समस्याओं पर केंद्रित मौलिक फिल्में बनाने की जरूरत है।
अनुपम की पहली फिल्म 'सारांश' को भारत की ओर से 'ऑस्कर' के लिए भेजा गया था। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "यह कहा जाता है कि हमें 'गांधी' बनाने और आठ ऑस्कर जीतने के लिए रिचर्ड एटनबरो की जरूरत थी। एक निश्चित तरह की मौलिकता होना महत्वपूर्ण होता है।"
उन्होंने कहा, "हमें ऐसी फिल्में बनाने की जरूरत है जिनमें हमारे देश की मिट्टी की खुशबू हो, जो हमारे मुद्दों, हमारी परेशानियों, हमारे उत्सवों पर आधारित हों। अब हालांकि, बदलाव का दौर चल रहा है जहां हम परिवर्तन देखते हैं। हम अच्छाई की उम्मीद करें। 1.2 अरब लोगों को खुश करना मुश्किल है। मुझे आशा है कि हम ऐसा कर पाएंगे।"
अनुपम इन दिनों उनकी हॉलीवुड फिल्म 'सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक' को मिली लोकप्रियता का आनंद ले रहे है जिसमें उन्होंने राबर्ट डी निरो और ब्रैडली कूपर जैसे सितारों के साथ काम किया। इस फिल्म में अनुपम ने पटेल नाम के एक मनोचिकित्सक की भूमिका की है। फिल्म को 'गोल्डन ग्लोब', 'स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्डस' और 'क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड्स' में सम्मानित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, "यह मुख्यत: मेरी पहली अमेरिकी फिल्म है और इसे कई अवार्ड समारोहों में सम्मानित किया गया है। यह सफलता का बेहतरीन अहसास है और मैं बेहद खुश और गौरवांवित महसूस कर रहा हूं। मैं इस फिल्म में व इसके कलाकारों के साथ काम कर संतोष महसूस कर रहा हूं। भारतीय होने के नाते भी यह आपको गौरवांवित महसूस कराता है।"
57 वर्षीय अनुपम 'बेंड इट लाइक बेकहम', 'ब्राइड एंड प्रिज्यूडिस', 'कॉनक्वेस्ट लस्ट?', 'यू विल मीट ए टाल डार्क स्ट्रेंजर' जैसी अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने 'सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक' में अभिनय किया है।
(आईएएनएस)