टोरंटो, 13 अगस्त
ध्वनि और छवि मानव मस्तिष्क के एक ही तंत्रिका कोड में रहते हैं। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है।
मांट्रियल विश्वविद्यालय और मैक्गिल विश्वविद्यालय स्थित मांट्रियल न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि किसी व्यक्ति का दिमाग अलग-अलग तरह की ध्वनियों (बातचीत और संगीत) के अलावा अलग-अलग छवियों को किस प्रकार पहचानता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इंसान का दिमाग ध्वनि और छवि के बीच अंतर स्थापित करने के लिए एक ही विधि का प्रयोग करता है। इससे एक इंसान के लिए एक खास वस्तु से निकलने वाली ध्वनि और उसकी छवि को एक करके देखने में मदद मिलती है।
इसी संयोजन के कारण एक इंसान बास्केटबॉल की छवि और उसको पटकने से निकलने वाली ध्वनि के बीच समानता स्थापित करने में सफल होता है।
वैज्ञानिकों ने यह भी पता लगाया है कि इंसानी दिमाग किस विधि से रॉक ड्रम की बीट और सिंफनी की तार से निकलने वाली धुन के साथ-साथ फ्रांसीसी और अंग्रेजी भाषाओं में की जा रही बातचीत के बीच अंतर स्थापित करता है।
इस संदर्भ में वैज्ञानिकों का कहना है कि एक व्यक्ति का दिमाग अंदरूनी प्रतिक्रिया की तरीके को पढ़कर अलग-अलग भाषाओं और ध्वनियों में अंतर स्थापित कर सकता है।
(IANS)
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