23 सितम्बर 2011
नई दिल्ली। 2008 में मालेगांव में विस्फोट की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा की ज़मानत याचिका खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साध्वी प्रज्ञा को ज़मानत देने से साफ इंकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति जेएम पंचाल और न्यायमूर्ति एचएल गोखले की पीठ ने साध्वी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे ज़मानत देने से इंकार कर दिया। साध्वी ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस)ने गिरफ्तारी के 90 दिनों के अंदर आरोपपत्र दाखिल नहीं किया।
गौरतलब है कि 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट के मामले में साध्वी को 23 अक्तूबर 2008 को ही गिरफ्तार किया गया था। उनके वकील ने दलील दी थी कि एटीएस ने 10 अक्टूबर 2008 को ही साध्वी प्रज्ञा को अवैध तरीके से हिरासत में लेकर उन्हें प्रताड़ित किया है। जबकि महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि प्रज्ञा को 23 अक्टूबर को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था।
मालेगांव में हुए विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हो गए थे। साध्वी पर इस विस्फोट का षड्यंत्र रचने का आरोप है।
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