14 सितम्बर 2012
मुम्बई। फिल्म निर्माण के लगातार बढ़ते बजट और ग्लैमर के पसरते बाजार के बीच बॉलीवुड में सक्रिय रंगमंच के कुछ युवा कलाकारों ने 'लंगड़ा राजकुमार' नामक एक फिल्म की शूटिंग पूरी करने का हौसला दिखाया है। फिल्म में गरीबी की उस इंतिहा को दिखाया गया है, जो दर्शकों सोचने पर मजबूर कर देगी। इसके अलावा नामचीन कलाकारों की गैरमौजूदगी वाली इस फिल्म में दर्शकों का उस सच्चाई से भी साक्षात्कार कराया गया है, जिससे वह खुद रूबरू होते रहे हैं।
'लंगड़ा राजकुमार' की शूटिंग छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर के पास एक पहाड़ी पर बसे गांव बढ़िया चुआ में की गई। फिल्म के सभी कलाकार रंगमंच की पृष्ठभूमि के हैं। छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों के अलावा दिल्ली और मुम्बई के कलाकार भी फिल्म में अपने अभिनय कौशल का दम दिखाते नजर आएंगे।
रंगकर्मियों के समूह अभिव्यक्ति एंटरटेनमेंट, मदारी आर्ट्स और डी.एस. प्रोडक्शन के संयुक्त प्रयास से बनी हिंदी फिल्म 'लंगड़ा राजकुमार' की कहानी एक गरीब पिता-पुत्र के इर्द-गिर्द घूमती है। बेटा प्रतिभावान है और उसका पिता उसे पढ़ाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहता है।
हास्य-व्यंग के माध्यम से व्यवस्था पर चोट करती इस फिल्म के लेखक और निर्देशक अजय आनंद खुद दिल्ली और मुम्बई में पत्रकारिता तथा रंगमंच से जुड़े रहे हैं।
लम्बे समय तक पत्रकारिता और रंगमंच से जुड़े अजय आनंद इस फिल्म के निर्देशक हैं। वह इस फिल्म से अपनी निर्देशन की नई पारी की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "पोस्ट प्रोडक्शन का काम जारी है और फिल्म दिसम्बर तक प्रदर्शित होगी।"
फिल्म के बारे में आनंद ने कहा, "फिल्म में कला पक्ष का ध्यान रखा गया है, लेकिन यह पूरी तरह व्यावसायिक फिल्म है।"
फिल्म के मुख्य कलाकारों में संदीपन नागर, आनंद कुमार, राहिल खान, मास्टर अदनान काल्सेकर, किरण गुप्ता, शरत सोनू, सर्वप्रियदर्शी और विनय अम्बष्ठ शामिल हैं। दिनेश सोनी फिल्म के छायाकार हैं और कला निर्देशन अशोक चतुर्वेदी ने किया हैं।
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