16 जून 2012
नई दिल्ली । बालश्रम से छुड़ाए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय नेमहानगरों सहित देश के 266 जिलों में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना लागू करने जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत बालश्रम से छुड़ाए गए बच्चों को विशेष स्कूलों में भर्ती कराया जाएगा जहां उन्हें औपचारिक शिक्षा की मुख्यधारा में लाने से पहले सम्पर्क शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, पोषण भत्ता और स्वास्थ्य देखभाल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
इस समय देश में 7,311 विशेष स्कूल चल रहे हैं, जिनमें परियोजना के अंतर्गत 3.2 लाख बच्चों को भर्ती कराया गया है। बेसहारा बच्चों के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय केंद्र प्रायोजित- समेकित बाल संरक्षण योजना लागू कर रहा है। इसके अंतर्गत बेसहारा बच्चों सहित कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए आश्रय की व्यवस्था करने और उसके रखरखाव के लिए राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
2001 की जनगणना के अनुसार देश में 5 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के श्रम करने वाले बच्चों की संख्या 1.26 करोड़ थी। वर्ष 2004-05 में एनएसएसओ द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में श्रम करने वाले बच्चों की संख्या 90.75 लाख के आसपास थी। 2009-10 में एनएसएसओ के सर्वेक्षण के अनुसार महानगरों सहित श्रम करने वाले बच्चों की अनुमानित संख्या 49.84 लाख थी जो श्रम करने वाले बच्चों की संख्या में गिरावट की प्रवृत्ति दर्शाती है।
ऐसे बच्चे जिन्हें माता-पिता का सहारा नहीं मिलता, उनकी देखभाल महिला और बाल विकास मंत्रालय की समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत की जाती है।
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