16 जून 2011
भोपाल। जनता दल (युनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने भ्रष्टाचार को लेकर बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के अनशन पर अपरोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा है कि भूख हड़ताल से व्यक्ति तो बड़ा हो जाता है लेकिन मुद्दा कमजोर पड़ जाता है। यही कारण है कि राम मनोहर लोहिया से लेकर जय प्रकाश नारायण तक कभी भी अनशन के पक्ष में नहीं रहे।
भोपाल प्रवास पर आए यादव ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाबा रामदेव व अन्ना हजारे के आंदोलन से पहले से ही राजनीतिक दल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़े हुए हैं। 2जी स्पेक्ट्रम मामले में 27 अफसरों, औद्योगिक घरानों के अलावा राजनेता भी जेल में है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था और यह सब बाबा रामदेव व अन्ना हजारे के आंदोलन से पहले ही हो चुका था।
यादव निजी तौर पर भूख हड़ताल के खिलाफ हैं। वह कहते हैं कि भूख हड़ताल से व्यक्ति आगे निकल जाता है और मुद्दा पीछे छूट जाता है। यही कारण था कि लोहिया व जयप्रकाश इन भूख हड़तालों के खिलाफ थे।
उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव व अन्ना के अनशन से भ्रष्टाचार का मुद्दा पूरे देश में फैला तो है, मगर राजनीतिक दलों की मदद के बगैर इस अभियान के सफल होने की बात कहना अतिश्योक्ति है।
भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस व नागरिक समाज के लोगों के बीच चल रही बयानवाजी को यादव ने 'कव्वाली' करार दिया। साथ ही कहा कि वह इस 'कव्वाली' में शामिल नहीं होना चाहते और इस मसले पर अपनी राय संसद में ही रखेंगे।
लोकपाल विधेयक को लेकर उनके दल की राय पूछने पर उन्होंने कहा कि वह अपना पक्ष संसद में रखेंगे। भारत सरकार व नागरिक समाज के बीच वार्ता चल रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर राज्य की राजधानी व ग्राम पंचायत तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। गरीब वर्ग के लिए केंद्र द्वारा संचालित राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा आवास योजना सहित सभी योजनाओं मे लूट मची हुई है।
यादव का मानना है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्वायत्त बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।
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