21 अप्रैल 2011
नई दिल्ली। महिलाओं को लेकर पूर्वाग्रह के खिलाफ अभियान की अपील करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि कन्या भ्रूण हत्या और शिशु हत्या राष्ट्रीय शर्म का विषय है।
एक कार्यक्रम में नौकरशाहों को सम्बोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत में लड़कियों और महिलाओं ने कक्षाओं, कम्पनियों के बोर्ड रूम और खेल के विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं को साबित किया है। उन्होंने अपने आप को साबित करते हुए लगभग सभी क्षेत्रों में बाधाओं को तोड़ा है।
उन्होंने कहा, "लेकिन बाल लिंगानुपात में कमी (ताजा जनगणना के आंकड़ों में प्रदर्शित) हमारे सामाजिक मूल्यों पर एक कलंक है।"
मनमोहन सिंह ने कहा, "सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हम अपने समाज में लड़कियों की कितनी कद्र करते हैं।"
जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश में बाल (0-6 वर्ष) लिंगानुपात स्वतंत्रता के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
वर्ष 2001 में जहां यह अनुपात 1000 लड़कों पर 927 लड़कियों के जन्म का था वहीं 2010-11 की जनगणना में यह घटकर 914 लड़कियों के जन्म का हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "देश के विभिन्न हिस्सों में कन्या भ्रूण हत्या और शिशु हत्या का होना राष्ट्रीय शर्म की बात है।"
उन्होंने कहा कि, "महिलाओं के प्रति सामाजिक पूर्वाग्रह के खिलाफ सभी भौतिक और नैतिक संसाधनों के जरिए लड़ाई लड़नी चाहिए। इस पूर्वाग्रह को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया जाना चाहिए और मुझे उम्मीद है कि नौकरशाह ऐसा अभियान शुरू करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।"
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