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किसानों का आक्रोश आगरा तक फैला, 4 मरे

farmers agitation reached at agra

8 मई 2011

ग्रेटर नोएडा/आगरा। उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ फूटा किसानों का आक्रोश ग्रेटर नोएडा से शुरू होकर अलीगढ़, मथुरा और आगरा तक पहुंच गया है। ग्रेटर नोएडा में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। इस बीच किसानों ने कई वाहनों को फूंक दिया। गुस्साए किसानों ने आगरा के एतमादपुर तहसील में हिंसक प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जुटी संस्था जय प्रकाश समूह के राजमार्ग शिविर कार्यालय के वाहनों तथा फर्नीचर को आग के हवाले कर दिया।

चालेसर और एतमादपुर के निकट दो जगहों पर हिंसक प्रदर्शन की खबर मिली है। पुलिस का कहना है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस के दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

ताजा घटना दिल्ली की सीमा पर स्थित नोएडा में हुई जहां किसानों और पुलिस के बीच कई झड़पें हुईं। किसान जेपी समूह के अधिकारियों पर बरसे जिनके कहने पर दो दिन पहले गढ़ी रामी में एक मंदिर को ढहा दिया गया था। किसान भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा चाहते हैं। उनका कहना है कि एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए जबरन उनकी जमीन छीन ली गई।

पुलिस अधिकारियों ने हिंसा के लिए किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रविवार को 50,000 रुपये इनाम की घोषणा की। इस हिंसा में अब तक चार लोग मारे गए हैं। ज्ञात हो कि किसानों का प्रदर्शन शनिवार को उस समय उग्र हो गया था, जब पुलिस ने भट्टा परसौल गांव में ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए गए उत्तर प्रदेश रोडवेज विभाग के तीन कर्मचारियों को मुक्त कराने की कोशिश की थी।

पुलिस की इस कार्रवाई के बाद किसानों और पुलिस के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें दो पुलिसकर्मियों तथा एक किसान की मौत हो गई। बाद में बंधकों को मुक्त करा लिया गया। कार्रवाई के दौरान गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल सहित 15 लोग घायल हो गए।

राज्य के पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह ने कहा कि तेवतिया बुलंदशहर का रहने वाला है और भट्टा परसौल गांव में उसकी अपनी कृषि भूमि भी नहीं है। उन्होंने कहा, "वह किसी भी प्रकार से पीड़ित नहीं है लेकिन टप्पल, मथुरा और अब भट्टा परसौल गांव में हुए प्रदर्शनों के दौरान वह मौजूद रहा।"

सिंह ने कहा कि मथुरा, अलीगढ़ और भट्टा परसौल गांव में प्रदर्शन के समय तेवतिया ने संदिग्ध भूमिका निभाई है। उधर, मथुरा सीमा पर अलीगढ़ के गघौली गांव के पास सौ से ज्यादा किसान नारे लगाते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण स्थल पर पहुंचे और कार्य बंद करवाकर वहां मौजूद वाहनों में तोड़फोड़ कर कुछ को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की झ्झोपड़ी व तंबू में भी आग लगी दी।

जिले के पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों ने हिंसा भड़काने की कोशशि की, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें खदेड़ कर हालात पर काबू पा लिया।

अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र वीर सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया, "फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। पूरे इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।"

किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर मथुरा में भी पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। मथुरा पुलिस के प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने आईएएनएस से कहा कि जिन इलाकों में यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है, वहां पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।

इसके अलावा आगरा में भी किसानों ने हिंसक प्रदर्शन कर यमुना एक्स्प्रेस-वे के निर्माण स्थल पर वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान किसानों के साथ पुलिस की हिंसक झ्झड़पें हुईं।

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