23 मई 2012
नई दिल्ली। रचानत्मक क्षेत्र से जुड़े लोगों को सशक्त बनाते हुए लोकसभा ने मंगलवार को कॉपीराइट एक्ट (संशोधन) विधेयक-2012 को पारित कर दिया। इस विधेयक के प्रभावी हो जाने से कलाकारों, गीत एवं पटकथा लेखकों, संगीतकारों और डिजिटल एवं इंटरनेट के दुनिया के लोग लाभान्वित होंगे। लोकसभा में सरकार एवं विपक्ष के सदस्यों ने ध्वनिमत से कॉपीराइट एक्ट (संशोधन) विधेयक-2012 को पारित किया। सांसदों ने कहा कि रचनात्मक पेशे से जुड़े लोगों की शिकायत रही है कि उन्हें उनके अधिकार से लम्बे समय से वंचित रखा गया है और उनके रचनात्मक कार्यो से कमाए गए धन का संग्रह निर्माताओं द्वारा कर लिया जाता है।
ज्ञात हो कि राज्यसभा में इस विधेयक को 17 मई को पारित किया गया।
यह कानून लेखकों को उनके रचनात्मक कार्यो के लिए कॉपीराइट का मालिक घोषित करता है। कॉपीराइट का यह अधिकार निर्माताओं के पास नहीं होगा जैसा कि अबतक होता आया है।
इसके अलावा यह कानून रेडियो एवं टेलीविजन उद्योग के प्रसारणकर्ताओं के लिए यह अनिवार्य बनाता है कि वे जब भी रचनात्मक कार्य का प्रसारण करेंगे तो उसके लिए वे कॉपीराइट के मालिकों को रॉयल्टी का भुगतान करेंगे।
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