14 जून 2011
देहरादून/नई दिल्ली। गंगा को बचाने के लिए अनशन पर बैठे और अपने प्राणों की आहूति देने वाले स्वामी निगमानंद के निधन पर अब राजनीति शुरु हो गई है। कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को योग गुरु बाबा रामदेव की बजाए स्वामी निगमानंद के मुद्दे का समर्थन करना चाहिए था।
ज्ञात हो कि स्वामी निगमानंद गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए करीब ढाई महीने से अनशन पर थे और जौली ग्रांट स्थित उसी हिमालया इंस्टीट्यूट अस्पताल में भर्ती थे, जहां बाबा रामदेव को रखा गया था।
बाबा रामदेव ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "संत निगमानंद कई दिनों से गंगा को बचाने के मुद्दे पर अनशन कर रहे थे। उन्होंने गंगा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देता हूं।"
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में स्वामी निगमानंद के निधन पर एक बार फिर भाजपा को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि स्वामी निगमानंद 100 दिनों से अनशन पर थे और उत्तराखण्ड की भाजपा शासित सरकार ने उनका सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा।
उन्होंने कहा, "एक तरफ बाबा रामदेव हैं जो पैसे बना रहे हैं और ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं, जिनके बारे में उन्हें कोई समझ ही नहीं है। इस मुद्दे को लेकर वह अनशन पर बैठ गए। उनसे मिलने विपक्ष की नेता और राज्य के मुख्यमंत्री पहुंचते हैं।"
उन्होंने कहा, "भाजपा को निगमानंद का समर्थन करना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और जिसके चलते उनका निधन हो गया।"
दिग्विजय सिंह ने बाबा रामदेव का अनशन खत्म कराने गए संत समाज के लोगों को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा, "हर जगह के स्वामी उनका अनशन खत्म कराने पहुंचे। भाजपा भी ऐसी ही है, वह कहती कुछ है और करती कुछ है।"
ज्ञात हो कि बाबा रामदेव का अनशन खत्म कराने आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और संत मुरारी बापू सहित कई नामचीन साधु-संत देहरादून पहुंचे थे। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी अस्पताल पहुंचकर योग गुरु का कुशल क्षेम लिया था।
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