स्थानीय हॉस्टिपल के डॉक्टरों ने बताया कि उनके पास एक दम्पति अपने बच्चे को लेकर आये, तो उसे पेट दर्द की शिकायत बतायी गयी थी। पहले उसका अल्ट्रा साउंड करवाया गया, जिसमें ट्यूमर की पुष्टि हुई उसके बाद एमआरआई भी कराया गया तो पेट में बच्चा होने की बात पता चली। इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का फैसला किया। करीब दो घंटे चले ऑपरेशन के बाद उसके पेट में पल रहे बच्चे को बाहर निकला गया। बच्चे के हाथ पैर और शरीर बन चुका था जब कि सिर बनना शुरु हुआ था।
डॉक्टरों की मानें तो ऐसा पांच लाख में एक बार होता है, जब एक बच्चे के भीतर दूसरा बच्चा पल रहा हो। मेडिकल भाषा में इसे जॉयगोटिक टविन्स कहा जाता है। इसमें जब बच्चा मां की पेट में होता है तो दो बच्चों में एक बच्चा तेजी से बनता है और दूसरा इसमें काफी समय लेने लगता है, ऐसे में तेजी से बन रहा बच्चा दूसरे को अपने भीतर समेट लेता है। इसके बाद वो बच्चा उसके पेट में पलने लगता है।