Khabar RSS Feed
Subscribe Magazine on email:    

बरीआम में अरुंधति रॉय के पति का बंगला अवैध

arundhati-s-husband-s-banglow-is-illegal-04201122

22 अप्रैल 2011

भोपाल। मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल पचमढ़ी के बारीआम में लेखिका अरुंधति रॉय के पति प्रवीर किशन सहित चार लोगों के बंगलों को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा अवैध ठहराए जाने के निर्णय को होशंगाबाद के आयुक्त मनोज श्रीवास्तव ने बरकरार रखा है। साथ ही किशन सहित चारों की अपील को खारिज कर दिया है।

पचमढ़ी से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर वन ग्राम बारीआम है। इस गांव में प्रदीप किशन सहित अनुराधा सेठ, जगदीश चंद्र शर्मा तथा निशिकांत जाधव ने बंगलों का निर्माण कराया है। इन चारों द्वारा ली गई जमीन के नामांतरण को नायब तहसीलदार ने रद्द कर दिया था। इस कार्रवाई के खिलाफ चारों उच्च न्यायालय गए, मगर न्यायालय ने इस प्रकरण को अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) के न्यायालय में सुनवाई योग्य पाया।

मामले की सुनवाई करते हुए एसडीएम न्यायालय ने अपील को खारिज कर दिया। इस पर किशन सहित चारों ने होशंगाबाद के आयुक्त मनोज श्रीवास्तव के न्यायालय में अपील की। श्रीवास्तव ने एसडीएम के फैसले को सही ठहराते हुए अपील को खारिज कर दिया।

श्रीवास्तव ने अपने फैसले में कहा है कि बारीआम गांव वन ग्राम है। यहां जमीन का नामांतरण वसीयत के आधार पर ही हो सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती। इतना ही नहीं, अपीलकर्ताओं ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम व भू-राजस्व अधिनियम का भी उल्लंघन किया है।

अपीलकर्ता की ओर से केंद्रीय समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि उस समिति ने बारीआम के लिए राजस्व की अनुशंसा की है। इस पर श्रीवास्तव ने कहा कि किसी समिति की रिपोर्ट का उतना ही महत्व है जितना कि किसी अन्य रिपोर्ट का होता है। इस रिपोर्ट को तब तक आधार नहीं माना जा सकता, जब तक कि वह विधि का आकार नहीं ले लेती। लिहाजा, पूर्व में प्रचलित विधि को विचलित करने पर ही उस अनुशंसा को मान्य किया जा सकता है।

अपीलकर्ता ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की जानकारी न होने का हवाला दिया, जिस पर श्रीवास्तव का कहना था कि ज्ञान या अज्ञान किसी तरह का कवच नहीं बन सकता। श्रीवास्तव ने अपने आठ पृष्ठ के फैसले में अपीलकर्ता की तमाम दलीलों को खारिज करते हुए एसडीएम के फैसले को सही ठहराया है।

मालूम हो कि प्रदीप किशन सहित चार लोगों ने 1992 से 1994 के बीच बारीआम में जमीन खरीदी थी। इस जमीन पर चारों ने बंगलों का निर्माण कराया। इस पर 2003 में जगदीश मरावी ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी जमीन पर जबरिया कब्जा कर रास्ता बनाया गया है। नायब तहसीलदार ने 2003 में चारों बंगलों के नामांतरण को गैर कानूनी मानते हुए उसे रद्द कर दिया।

इस फैसले के खिलाफ एसडीएम न्यायालय में हुई अपील को नवम्बर 2010 में खारिज किया गया। उसके बाद अपील संभागायुक्त के न्यायालय में की गई। इस अपील को भी गुरुवार को खारिज कर दिया गया।

अपीलकर्ता के अधिवक्ता सुशील गोयल का कहना है कि वे संभागायुक्त के फैसले के खिलाफ राजस्व मंडल के न्यायालय में जाएंगे।

More from: Khabar
20212

ज्योतिष लेख

मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।

Holi 2020 (होली 2020) दिनांक और शुभ मुहूर्त तुला राशिफल 2020 - Tula Rashifal 2020 | तुला राशि 2020 सिंह राशिफल 2020 - Singh Rashifal 2020 | Singh Rashi 2020