17 अगस्त 2011
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान में अनशन करने के दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है लेकिन वह यह अनशन कितने दिनों तक कर सकेंगे, इसे लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। अन्ना हजारे कम से कम 30 दिनों की अनुमति देने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि दिल्ली पुलिस सात से 10 दिनों तक ही उन्हें अनुमति देना चाहती है।
अन्ना हजारे अभी भी तिहाड़ जेल परिसर में ही मौजूद हैं और उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह तब तक परिसर से बाहर नहीं निकलेंगे जब तक कि उन्हें बगैर प्रतिबंधों के अनशन की अनुमति नहीं दे दी जाती। फिलहाल, अन्ना हजारे पक्ष व दिल्ली पुलिस के बीच वार्ता जारी है।
अन्ना हजारे की सहयोगी व पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने तिहाड़ के बाहर जुटी भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा, "जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में अन्ना हजारे के अनशन से सामान्य जनजीवन पर असर पड़ सकता है इसलिए हम चाहते थे कि किसी ऐसे स्थान पर अनशन हो जिससे आम आदमी को किसी प्रकार की परेशानी न हो। खुद दिल्ली पुलिस ने हमारे सामने रामलीला मैदान का प्रस्ताव रखा।"
उन्होंने कहा, "अब बात सिर्फ समय सीमा को लेकर रह गई है। अन्ना हजारे चाहते हैं कि उन्हें कम से कम 30 दिनों के अनशन की अनुमति दी जाए लेकिन सरकार चाहती है कि अन्ना हजारे जल्द से जल्द अपना अनशन खत्म करें। इसे लेकर बातचीत हो रही है।"
किरण बेदी, मनीष सिसौदिया और स्वामी अग्निवेश के साथ अन्ना हजारे व अन्य सहयोगियों से मिलने तिहाड़ के अंदर गई थीं, जहां उनकी दिल्ली पुलिस से वार्ता हो रही है। सूत्रों के मुताबिक अन्ना हजारे पक्ष दिल्ली पुलिस से अपनी शर्तो पर लिखित आश्वासन चाहता है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "जिन छह शर्तो पर अन्ना हजारे पक्ष को एतराज था, उनमें हमने छूट दी है। हमने सात दिनों तक अनशन करने की इजाजत दी है, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि अनशन स्थल जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान से रामलीला मैदान में स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही वहां अनशन के समर्थन में आने वाले लोगों व गाड़ियों की संख्या सीमित रखने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
ज्ञात हो कि अन्ना हजारे ने दिल्ली पुलिस की सभी शर्तो को मानने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद उन्हें मंगलवार सुबह हिरासत में ले लिया गया था। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर सात दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। अन्ना हजारे ने वहां भी अपना अनशन जारी रखा। इसके बाद सरकार की ओर से उनकी रिहाई के आदेश दिए गए लेकिन अन्ना हजारे ने तब तक तिहाड़ छोड़ने से इंकार कर दिया जब तक कि उन्हें बगैर प्रतिबंधों के अनशन की अनुमति नहीं दे दी जाती।
मंगलवार की रात तिहाड़ जेल के प्रशासनिक ब्लॉक में रात गुजारने के बाद अन्ना ने बुधवार सुबह फिर दिल्ली पुलिस को अपनी मंशा साफ कर दी कि वह बगैर अनुमति के वहां से बाहर नहीं निकलने वाले हैं।
इससे पहले, अन्ना हजारे की टीम के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा, "जे. पी. पार्क या अन्य किसी सार्वजनिक स्थल पर अनशन की बिना शर्त अनुमति मिलने तक वह तिहाड़ जेल में अनशन जारी रखेंगे। यदि सरकार हमें ऐसा करने की अनुमति देती है तो वह तिहाड़ से बाहर आएंगे और वहां अनशन करेंगे।"
भूषण ने कहा कि अन्ना की टीम सरकार से किसी भी चर्चा के लिए तैयार है लेकिन इससे पहले अनशन की बिना शर्त अनुमति देनी होगी।
भूषण ने कहा, "देश भर से उनको जबरदस्त समर्थन मिला है। हमारा विरोध प्रदर्शन अब केवल लोकपाल विधेयक तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि यह देश में वास्तविक लोकतंत्र लाने का आंदोलन बन गया है। हम चाहते हैं कि देश के लोग नीतियां बनाने में वास्तविक भूमिका निभाएं।"
अन्ना हजारे की टीम ने बुधवार शाम चार बजे इंडिया गेट से संसद भवन तक रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
भूषण ने कहा कि अभी की स्थिति में उन्होंने अन्ना हजारे की गिरफ्तारी और दिल्ली पुलिस के प्रतिबंधों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला टाल दिया है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय जाने से पहले हमें अन्ना हजारे से चर्चा करनी पड़ेगी।
दिल्ली पुलिस और अन्ना हजारे पक्ष के बीच अनशन को लेकर चल रही वार्ता के बीच खुद अन्ना हजारे ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। अन्ना हजारे के सहयोगी व वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के मुताबिक अन्ना हजारे ने लोगों से अपील की है कि वे शांति व संयम बनाए रखे और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ दें।
ज्ञात हो कि प्रशांत भूषण, मेधा पाटकर, स्वामी अग्निवेश और किरण बेदी ने बुधवार को तिहाड़ जेल जाकर अन्ना हजारे व अन्य साथियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद प्रशांत भूषण ने लोगों को अन्ना हजारे का संदेश सुनाया।
इस बीच, योग गुरु बाबा रामदेव ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वह जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में अन्ना हजारे को अनशन करने की अनुमति देने के सम्बंध में दिल्ली पुलिस को निर्देश दें।
बाबा रामदेव ने सुबह 11.45 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात की और भ्रष्टाचार के विरोध में अन्ना हजारे की लड़ाई के समर्थन में उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
बाद में बाबा रामदेव तिहाड़ जेल भी गए। हालांकि उन्हें अन्ना हजारे से मिलने के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया। इस दौरान बाहर जुटी भीड़ का उन्होंने उत्साहवर्धन किया।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।