21 जुलाई 2011
रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के जंगली इलाके में नक्सलियों ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के काफिले पर घात लगाकर हमला किया। कांग्रेस नेता का कहना है कि हमले में पार्टी के सात कार्यकर्ता मारे गए हैं जबकि पुलिस ने चार के मारे जाने की पुष्टि की है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने चार लोगों की मौत की पुष्टि की है और उनका कहना है कि हमले में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हमले में पांच कांग्रेस कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय टेलीविजन चैनलों ने काफिले में शामिल एक बुरी तरह क्षतिग्रस्त वाहन का दृश्य दिखाया है जो हमले के बाद कई फिट ऊपर उछल गई थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नक्सली शायद गलतफहमी के शिकार हो गए। उन्होंने इस वाहन को पुलिस का वाहन समझ लिया और उसे विस्फोट से उड़ा दिया।
काफिले में करीब 25 वाहनों के होने का अनुमान है और जो वाहन विस्फोट में क्षतिग्रस्त हुआ वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भरा हुआ था। यह वाहन काफिले के अंत में था।
पटेल ने फोन पर बताया, "मेरे पार्टी के कम से कम सात कार्यकर्ता मारे गए और हमले में चार कार्यकर्ता गम्भीर रूप से घायल हुए।" हमले का स्थान रायपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर है।
उन्होंने कहा, "मैं हमले से भयभीत हूं। हमें जंगल में नक्सलियों की दया पर छोड़ दिया गया जिसके बारे में पुलिस जानती थी कि हाल के महीनों में इन इलाकों में नक्सलियों की मौजूदगी काफी बढ़ गई है।"
पटेल ने कहा, "हमें नहीं के बराबर सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। कांग्रेस ने उड़ीसा सीमा के निकट मैनपुर-देवभोग इलाके में किसान रैली के बारे में कई दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सूचित कर दिया था।"
विस्फोट के बाद पटेल और उनके पार्टी के सहयोगियों को पुलिस सुरक्षा में मैनपुर पुलिस स्टेशन पर रखा गया।
घटना के वक्त पटेल के साथ मौजूद पूर्व मंत्री एवं पार्टी नेता सत्य नारायण शर्मा ने फोन पर बताया, " काफिले पर जब हमला हुआ उस समय पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धर्मेद्र साहू और पार्टी के अन्य नेता उस इलाके से निकल गए थे।"
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मियों का एक दल घटनास्थल का जायजा लेने के लिए मैनपुर पुलिस स्टेशन से रवाना हो चुका है।
ज्ञात हो कि घटनास्थल उसी इलाके में स्थित है जहां पर मई में नक्सलियों के हमले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पवार समेत 9 पुलिसकर्मी मारे गए थे।
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