14 दिसम्बर 2011
नई दिल्ली। यदि आप शरीर को सुडौल बनाने के इच्छुक हैं तो प्रोटीन का पूरक आहार इसमें आपकी सहायता कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार कड़ी कसरत के कुछ समय के अंदर दूध या पानी के साथ प्रोटीन की अतिरिक्त खुराक लेने से क्षतिग्रस्त ऊत्तकों की मरम्मत में मदद मिलती है। प्रोटीन से मांस पेशियों का निर्माण होता है। कसरत के बाद क्षतिग्रस्त ऊत्तकों की मरम्मत के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है। कसरत के बाद 30 मिनट की अवधि को 'महत्वपूर्ण या मूल्यवान अवधि' कहते हैं और इस दौरान अतिरिक्त खुराक अवश्य लेनी चाहिए। पोषण विशेषज्ञों के अनुसार इसे विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार करना चाहिए।
मुम्बई स्थित गोल्ड्स जिम की आहार विशेषज्ञ प्राजक्ता सरमलकर ने आईएएनएस से कहा, "मांस पेशियों की मरम्मत के लिए प्रोटीन अहम है। जब हम अंडे या दूध जैसे प्राकृतिक स्रोतों से प्रोटीन लेते हैं तो इसे अवशोषित होने में 45 से 90 मिनट का समय लग सकता है। प्रोटीन की प्रकृति के आधार पर अवशोषण का समय बढ़कर दो घंटे भी हो सकता है।"
उन्होंने कहा, "प्रोटीन के पूरक आहार कुछ हद तक पची हुई अवस्था में होते हैं, जिसकी वजह से शरीर इन्हें आराम से अवशोषित कर लेता है।"
फिटनेस गुरु शेरू अंगरीश ने कहा शाकाहारी लोगों को मांस, अंडे एवं मछली से प्रोटीन नहीं मिल सकता इसीलिए प्रोटीन की पूरक आहार उनके लिए महत्वपूर्ण है।
फिटनेस के प्रति जागरुक चेतन मन्हास जैसे लोग प्रोटीन के पूरक आहार को स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं मानते हैं।
मन्हास ने कहा, "मैंने इस बारे में अनेक कहानियां सुनी हैं कि कैसे प्रोटीन के पूरक आहार लेने से कुछ ही समय में शरीर की मांस पेशियां अस्वभाविक रूप से बढ़ जाती हैं। जैसे ही इसे लेना बंद कर देते हैं तो सारी वृद्धि खत्म हो जाती है। इसीलिए मैं इससे दूर रहता हैं।"
लेकिन शारीरिक प्रशिक्षक आशु ने इसका प्रतिवाद करते हुए कहा, "यदि आप भारोत्तोलन कर रहे हैं और अचानक प्रोटीन का पूरक आहार न लेने का निर्णय लेते हैं तो शरीर पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि मांस पेशियों की मरम्मत नहीं हो सकेगी और शरीर ढीला हो जाएगा।"
सरमलकर ने कहा कि इसके प्रयोग के लिए विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है। उन्होंने कहा, "यदि पूरक आहार किसी विशेषज्ञ के दिशानिर्देशन में लिया जाए तो फायदेमंद होता होता है। लेकिन इसकी अधिक मात्रा नुकसानदेह होती है।"
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