"उसके बंगले का नाम है डिंपल बंग्लॉ, एक जमाने का सुपरस्टार था वो। भले ही दुनियां उसे वेबड़ा, हद दर्जे का सनकी और एक ऐसा गया गुजरा हीरो समझती थी जो अब किसी भी रोल में फिट नहीं बैठता था लेकिन उसको पूरा यकीन है कि एक दिन वो भी अमिताभ बच्चन की तरह कमबैक कर हरएक का मुंह बंद कर देगा। उसकी वीबी ने उसकी साइको किस्म की हरकतों से तंग आकर तलाक ले लिया, उसका रोम रोम कर्ज में डूबा है, आलीशान बंगला और दफ्तर सब कुछ गिरवी पड़ा है लेकिन आज भी वो मर्सिडीज में चलता है, उधार की सही लेकिन सबसे मंहगी शराब पीता है। उसके चाहने वाले उसे प्यार से काकू बोलते हैं लेकिन उसका नाम है राजेश....। "
चौंक गए होंगे आप लोग, किसकी हैं ये लाइनें? लेकिन किसके बारे में हैं इसका अंदाजा तो आपको बखूबी लग गया होगा। जी हां राजेश खन्ना, आपका अंदाजा एकदम ठीक है। राजेश खन्ना के बारे में इतनी सनसनीखेज लाइनें एक ऐसी मशहूर हस्ती ने लिखी हैं, जो अपनी लेखनी के लिए देश भर में काफी मशहूर है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि उस हस्ती ने राजेश खन्ना के दामाद अक्षय कुमार की उन दो बड़ी फिल्मों की कहानी भी लिखी है, जिनके जरिए अक्षय कुमार ने ना सिर्फ बॉलीवुड में अपने कदम जमाए बल्कि उनको अपना सबसे मशहूर टाइटल भी मिला... 'खिलाड़ी '। जी हां, वही मशहूर हस्ती जो एकतरफ बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की बरबादी की कहानी दुनियां के सामने रख रही है, वही हस्ती उनके दामाद अक्की को सुपरस्टारडम तक पहुंचाने के लिए सीढ़ी भी बनी। उसी की दो फिल्मों ने अक्की की एक्शन इमेज को लोगों के दिलोदिमाग पर चस्पा दिया, फिल्मों के नाम थे 'इंटरनेशनल खिलाड़ी ' और 'सबसे बड़ा खिलाड़ी '। जिनमें से एक फिल्म में तो राजेश खन्ना की बेटी टिंवकल खन्ना ने भी काम किया था। तो फिर ऐसा क्या हुआ कि ये हस्ती उसी खानदान के सुपरस्टार की बरबादी की कहानी लिखने बैठ गई।
अब इस रहस्य पर से परदा उठा ही देते हैं कि वो मशहूर हस्ती आखिर है कौन, जिसने अक्की और टिंवकल की पेशानी पर बल डालने जैसे काम किए हैं और हो सकता है अब तक अक्की को पता ही ना हो, हमारे इस लेख से उनको भी पहली बार इस खबर के बार में खबर मिले। पहले जानिए उस मशहूर हस्ती का नाम, वो है थ्रिलर-सस्पेंस और जासूसी उपन्यासों की दुनियां में सबसे बड़ा नाम, वेदप्रकाश शर्मा। मेरठ में रहकर पूरे देश को अपनी लेखनी के जरिए चकरघिन्नी में डालते रहने वाले वेदप्रकाश शर्मा को अचानक ऐसा क्या सूझा कि उन्होंने राजेश खन्ना की बरबादी की काल्पनिक कहानी गढ़कर एक नया उपन्यास ही गढ़ डाला और टाइटल भी दिया सुपरस्टार।
ऐसा भी नहीं है कि वेदप्रकाश ने इसे छुपाने की कोशिश की है कि उपन्यास का सेंट्रल करेक्टर राजेश खन्ना का है, बल्कि उन्होंने तो भूमिका में ही बता दिया है कि उपन्यास राजेश खन्ना के फ्रस्ट्रेशन को लेकर है। यहां तक कि कि उन्होंने हीरो का नाम भी राजेश कुमार ही रखा है औऱ निक नेम काका की जगह काकू भी। बाकी पात्रों के नाम भले ही बदल दिए गए हैं, डिंपल का नाम प्राची रखा गया है लेकिन उसके बंगले का नाम आर्शीवाद की जगह डिंपल बंग्लॉ रखा गया है। इतना ही नहीं बंगले की लोकेशन उसी तरह दिखाई गई है, जो मुंबई में आशीर्वाद की है।
राजेश खन्ना को इस उपन्यास में कर्ज से लदा, शराबी, सुर्खियां पाने के लिए चालबाजी करने वाला और सनकी तो दिखाया ही गया है, उनकी बी ग्रेड फिल्म 'वफा ' के प्रोमोज की तरह सैक्स साइको भी बताने की कोशिश की गई है। इतना ही नहीं एक 25 साल की बेहद खूबसूरत लड़की को उनकी दूसरी बीवी के तौर पर भी पेश किया गया है, जो उनका मर्डर प्लान भी करती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अब तक काल्पनिक पात्रों पर लिखने वाले वेदप्रकाश शर्मा को एक असली पात्र राजेश खन्ना की जिंदगी की काल्पनिक कहानी पर इस तरह के उपन्यास की जरूरत क्यों पड़ी.. ? जैसा कि उन्होंने खुद माना है कि उनका इससे पहले वाला उपन्यास नहीं बिका तो क्या बेचने के लिए ये सब किया.. ? या फिर अक्षय कुमार के कैरियर की दो सबसे बड़ी फिल्मों का क्रेडिट उनको नहीं मिला इससे उन्होंने उससे अदावत करने की ठान ली है.. ?और सोचिए क्या गुजरेगी इसे पढ़कर बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार पर.. ? अगर काका वाकई शराब ज्यादा पीने भी लगे हैं, कर्ज भी उनके सर पर हो सकता है तो क्या उनकी मजबूरियों को कोई अपनी कमाई और कामयाबी का जरिया बना लेगा.. ? और क्या गुजरेगी अक्षय पर जो काका के लिए बेटे से बढ़कर थे। वैसे, आपको बता दें कि वेदप्रकाश शर्मा ने सुपरस्टार में ये कहानी खत्म नहीं की है, और ना ही इसमें अक्षय और टिंवकल के किरदारों को ही छुआ है। अगर वेदप्रकाश शर्मा के निशाने पर अगर वाकई अक्की हैं, तो उनका ये पैंतरा तो उनके उपन्यास के अगले पार्ट 'पैंतरा' में ही पता चलेगा।
-विष्णु शर्मा
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