16 अप्रैल, 2012
लंदन। हल्दी में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स एवं एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण इसके प्रयोग से दिल के ऑपरेशन के बाद पड़ने वाले दौरे का खतरा कम हो जाता है। हल्दी के सेवन से दिल के दौरे में 65 फीसदी तक कमी आ सकती है। हृदय की धमनियों में रक्त प्रवाह सामान्य करने के लिए बाइपास ऑपरेशन किया जाता है। सामान्य तौर पर इस ऑपरेशन के दौरान हृदय की गतिविधियां ठप रहती हैं। रक्त प्रवाह बंद होने के कारण हृदय को क्षति पहुंच सकती है और मरीज को भविष्य में दिल के दौरे आ सकते हैं।
नये अध्ययन में यह तथ्य सामने आया कि पारम्परिक दवाओं के साथ हल्दी देने से ऐसे खतरे को कम किया जा सकता है।
वैज्ञानिक पत्रिका 'अमेरिकन जर्नल ऑफ कॉर्डियोलोजी' की रपट के अनुसार इस शोध के नेतृत्वकर्ता एवं थाईलैंड की चियांग मई विश्वविद्यालय के वानवरंग वोंगचेरोइन ने कहा कि इन परिणामों की दोबारा पुष्टि करने की जरूरत है।
विश्वविद्यालय ने 2009 से 2011 के मध्य ऑपरेशन करा चुके 121 दिल के मरीजों पर अध्ययन किया। इसमें आधे मरीजों को ऑपरेशन से तीन दिन पहले और पांच दिन बाद तक दिन में चार बार एक-एक ग्राम हल्दी के कैप्सूल दिए गए। बाकी मरीजों को इतनी ही संख्या में बिना दवा के कैप्सूल दिए गए।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन मरीजों को हल्दी के कैप्सूल दिए गए थे उनमें 13 फीसदी एवं जिन्हें नहीं दिए गए थे उनमें 30 फीसदी मरीजों को दिल का दौरा पड़ा।
वोंगचेरोइन एवं उनके साथियों ने पाया कि हल्दी के सेवन से दिल के दौरे में 65 फीसदी की कमी आती है।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।