11 दिसम्बर 2012
मुंबई। अपने जमाने में अभिनय का प्रतीक माने जाने वाले दिलीप कुमार (असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान) मंगलवार को 90 साल के हो जाएंगे। अपने कुछ करीबी मित्रों की इस साल हुई मौत को देखते हुए अभिनेता ने बेहद सादगी से संक्षिप्त पार्टी रखने का फैसला लिया है।
जन्मदिन की पूर्व संध्या पर दिलीप कुमार की बेगम और बीते जमाने की मशहूर अदाकारा सायरा बानो ने दांपत्य जीवन के गुजरे 46 साल की यादें ताजा कीं। उन्होंने बताया कि उनके शौहर ने कभी भी सार्वजनिक रूप से बांहों में बांहें डालने की इजाजत नहीं दी। लेकिन, इस लंबी अवधि में ढेर सारी चीजें बदली।
68 वर्षीया सायरा ने आईएएनएस से एक विशेष बातचीत में कहा कि यह साल शोक से भरा बीता। हमने सिनेमा उद्योग के अपने कई मित्रों को खोया। इसलिए जन्मदिन पर सिर्फ करीबी मित्रों की एक छोटी सी पार्टी रखने का फैसला लिया है।
दिलीप कुमार का परिवार शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे, पूर्व केंद्रीय मंत्री एन.के.पी. साल्वे जैसे पारिवारिक मित्रों और फिल्म निर्माता यश चोपड़ा और अभिनेता राजेश खन्ना व दारा सिंह के अलावा अन्य लोगों के दिवंगत होने से शोकाकुल है।
अपनी मुहब्बत के बारे में सायरा ने बताया कि जब वह 12 साल की थीं तभी उनके दिल में दिलीप साहब के लिए चाहत जागी थी। उन्होंने कहा, 'उनसे मुहब्बत से आगे मैं और कुछ नहीं देखती। आम जिंदगी में वे बेहद प्यारे, सभ्य और सुलझे हुए इन्सान हैं।'
सायरा ने बताया कि जिस दिन दिलीप साहब ने उन्हें प्रपोज किया वह उनकी जिंदगी का सबसे हसीन दिन था। उम्र में 22 साल के अंतर के बावजूद दोनों एक दूसरे के लिए एक मजबूत आधार और स्तंभ की तरह हैं। सायरा ने कहा, 'वे मेरे सरताज हैं और आप कह सकते हैं कि वे मेरे पति परमेश्वर हैं। मैं दिल से एक परंपरावादी महिला हूं और दिलीप साहब मेरे लिए सबकुछ हैं।'
दिलीप कुमार ने 1944 में प्रदर्शित 'ज्वार भाटा' से बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने 'मधुमति', 'शहीद', 'देवदास', 'अंदाज', 'अम, मुगल-ए-आजम', 'राम और श्याम', 'कर्मा' और 'सौदागर' जैसी उम्दा और सदाबहार फिल्में दीं। 'अंदाज', 'बाबुल', 'मेला', 'दीदार', 'जोगन' जैसी फिल्मों में अभिश्प प्रेमी की सफल भूमिका निभाने के कारण बॉलीवुड में उन्हें ट्रेजडी किंग के खिताब से नवाजा गया। 1998 में प्रदर्शित 'किला' के बाद उन्होंने फिल्मों में अभिनय से संन्यास ले लिया।
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