7 नवंबर 2012
मुम्बई। अभिनेता शाहरुख खान का कहना है कि रोमांस नहीं बल्कि अभिनय उनकी विशेष योग्यता है और वह मानते हैं कि उन्हें प्रेमी नायक के रूप में पेश करना उनका 'अत्यधिक सरलीकरण' करना है।
शाहरुख ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा, "वास्तव में मैं समझता हूं कि अभिनय मेरी विशेष योग्यता है। मैं सोचता हूं कि यह मेरा 'अत्यधिक सरलीकरण' करना होगा-मेरे द्वारा अभिनीत 75 फिल्मों में से केवल पांच ही रोमांटिक हैं। इन फिल्मों ने अच्छा काम किया।"
अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने फिल्म 'बाजीगर' और 'डर' में अपनी नकारात्मक भूमिकाओं से खासा नाम कमाया, लेकिन 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'दिल तो पागल है' और 'कुछ कुछ होता है' में काम करने के बाद उन पर रोमांस के बादशाह का ठप्पा लग गया।
शाहरुख ने वहीं 'डॉन 2' और मुद्दे पर आधारित फिल्म 'माई नेम इज खान', 'चक दे! इंडिया' और 'स्वदेश' जैसी फिल्मों में काम कर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय भी दिया, लेकिन इसके बावजूद प्रेमी लड़के का ठप्पा उनसे चिपका हुआ है। आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में बनी 'रब ने बना दी जोड़ी' उनकी आखिरी रोमांटिक फिल्म थी।
इसके बाद उन्होंने दिवंगत यश चोपड़ा की फिल्म 'जब तक है जान' में दोबारा से रोमांटिक शैली की फिल्मों में वापसी की है। 13 नवम्बर को प्रदर्शित हो रही इस फिल्म में वह कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा के साथ नजर आएंगे।
शाहरुख ने बताया, "यशजी एक प्रेम कहानी बनाना चाहते थे। वह कहते थे कि हम लड़ाई झगड़े की पर्याप्त फिल्में बना चुके हैं। मैं उनमें विश्वास रखता हूं...यश कहते थे कि वह मानव सम्बंधों पर साधारण लेकिन कठिन फिल्म बनाना चाहते हैं। यह प्यार की बहुत आधुनिक व्याख्या है। मैं समझता हूं कि प्यार हमेशा एक जैसा रहेगा।"
यश चोपड़ा के साथ शाहरुख की यह चौथी फिल्म है। इससे पहले शाहरुख, यश चोपड़ा निर्देशित 'डर', 'दिल तो पागल है' और 'वीर-जारा' में अभिनय कर चुके हैं।
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