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स्माइल इंडिया का मिशन अब पड़ोसी देशों में

smile india mission in neighbor country

27 जून 2012

गुवाहाटी।  कटे होंठ और तालु में छिद्र जैसी विकृतियों से ग्रस्त 6,000 से अधिक बच्चों का सफल ऑपरेशन कर उनकी मासूम मुस्कान लौटाने वाले भारतीय एनजीओ ऑपरेशन स्माइल इंडिया ने अब पूवरेत्तर भारत के दूसरे हिस्सों एवं बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार जैसे देशों में इस मिशन को चलाने का फैसला किया है।

इसके 'कंप्रहेंसिव क्लेट केयर सेंटर' के विशेषज्ञों एवं कार्यकर्ताओं को उपरोक्त पड़ोसी देशों में इस मिशन का दायरा बढ़ाने की जिम्मेवारी दी गई है। यह सेंटर इस एनजीओ द्वारा संचालित तीन केंद्रों में एक है। इस संगठन को होंठ में छिद्र, तालु में विकृतियों, दंत्य समस्या, पोषाहार समस्या और बोलने में परेशानी एवं झिझक जैसी उन स्वास्थ्य समस्याओं से बच्चों को निजात देने की सफल मुहिम चलाने का श्रेय जाता है, जो उनके सहज विकास में बड़ी बाधा बनी हुई हैं।

सेंटर के निदेशक महेश देउरी ने  कहा, "हमने पूवरेत्तर के कम से कम दो राज्यों एवं तीन पड़ोसी देशों में यह अभियान चलाने का फैसला किया है। हम इस सिलसिले में मेघालय सरकार से संपर्क भी साध चुके हैं और उसका रुख काफी सहयोगात्मक रहा है।"

उन्होंने कहा, "हम अगस्त में इस मिशन की शुरुआत मेघालय में करेंगे।" इस केंद्र की स्थापना 2010 में गुवाहाटी के महेंद्र मोहन चौधरी हॉस्पिटल के परिसर में की गई। ऑपरेशन स्माइल इंडिया ने असम सरकार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एवं सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और उसकी सहायक इकाइयों की मदद से इस सेंटर की स्थापना की।

असम सरकार मरीजों के ठहरने और उनके यात्रा खर्च का वहन करती है। यहां तक कि वह मरीज की देखभाल करने वाले उसके किसी एक परिजन के खर्च का भी वहन करती है। ऐसे मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की गई है। प्रत्येक मरीज को केंद्र पर लाने के एवज में ऐसे कार्यकर्ता को 50 रुपये दिए जाते हैं। ऐसी एक सर्जरी पर औसतन 40,000 रुपये का खर्च आता है।

देउरी का कहना है कि यह एनजीओ अपने दानदाताओं को ऐसी सर्जरी के खर्च से अवगत कराता है। उन्होंने कहा, "जैसे ही दानदाता से हमें हरी झंडी मिलती है, आपरेशन की तैयारी शुरू हो जाती है। वर्ष 2012-13 के लिए हमने 3,500 सर्जरी का लक्ष्य रखा है।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 700 शिशुओं में से एक शिशु ऐसी विकृति के साथ पैदा होता है। आपरेशन स्माइल के संचार अधिकारी दिपुल मालाकर कहते हैं, "भारत में हर साल ऐसे 35,000 बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे में यह मुहिम बच्चों की मुस्कान लौटाने की एक गंभीर कोशिश है।"

 

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