16 मई 2012
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार परमाणु बिजली संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन परमाणु ऊर्जा के खिलाफ अध्यादेश जारी करना देश के लिए नुकसानदेह होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर उपाय करने चाहिए और हम इस इस पर समझौता नहीं करेंगे। लेकिन यह अध्यादेश जारी करना कि हम परमाणु ऊर्जा का विकल्प छोड़ देंगे, हमारे लिए नुकसानदेह होगा।"
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के सवाल पर कोई समझौता नहीं है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास 19 चालू रिएक्टर हैं और अब तक कोई दुर्घटना नहीं हुई। जापान में सुनामी के कारण फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मैंने सभी रिएक्टरों की सुरक्षा जांच करने के आदेश दिए थे और उसकी रिपोर्ट भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की वेबसाइट पर उपलब्ध है।"
उन्होंने कहा कि देश को बिजली के अतिरिक्त स्रोत के रूप में परमाणु ऊर्जा का विकल्प अवश्य रखना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम जापान की तरह नहीं हैं, जहां अधिकतर बिजली परमाणु संयंत्रों से पैदा होती है.. फ्रांस में भी अधिकतर बिजली परमाणु संयंत्रों से ही पैदा होती है। हमें परमाणु बिजली को अतिरिक्त स्रोत के रूप में रखना चाहिए।"
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