11 मई 2012
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री 98 वर्षीया शीला कौल को अपने समक्ष 23 मई को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि कानून बुजुर्ग आरोपियों को छूट प्रदान नहीं करता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश प्रदीप चड्ढा ने बुधवार को कहा, "दुर्भाग्यवश, कानून उनके जैसे बुजुर्ग लोगों के लिए कोई छूट प्रदान नहीं करता।"
अदालत ने कहा कि कौल की उम्र अत्यधिक हो सकती है लेकिन पेशी से बचने का कोई रास्ता नहीं है। अदालत ने उन्हें 23 मई को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। अदालत इस दिन आरोपों को तय करने को लेकर आदेश पारित करेगी।
कौल ने चिकित्सा आधार पर व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी।
अदालत कौल एवं उनके पूर्व अतिरिक्त निजी सचिव राजन लाला और पूर्व निजी सहायक आर.के. शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले की सुनवाई कर रही है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक कौल एवं उनके दो साथियों ने वर्ष 1996 में अनुचित लाभ पाने के लिए सरकारी आवासों को आवंटित करने में साजिश रची थी।
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