24 अक्टूबर 2013
डरबन|
फिल्मकार संजय गुप्ता का कहना है कि उनकी अगली फिल्म 'मुंबई सागा', 'शूट आउट एट वडाला' के लिए एकत्र की गई शोध सामग्री का नतीजा है। उनके पास इतनी सामग्री बची है कि वह एक फिल्म त्रयी बना सकते हैं।
'शूटआउट एट वडाला' मुंबई पुलिस के पहले एनकाउंटर की कहानी है जिसमें माफिया मान्य सुर्वे मारा गया था।
संजय ने हाल ही में डरबन यात्रा के दौरान आईएएनएस को बताया, "मेरी अगली फिल्म का नाम 'मुंबई सागा' है। सच्ची घटनाओं पर आधारित 'शूट आउट एट वडाला' बनाने के दौरान बहुत सारा शोध किया गया था और इसमें मैं उनमें से वही चीजें प्रयोग कर सकता था जो फिल्म से संबंधित हों।"
वह आगे कहते हैं, "मैं बाकी मिली सामग्री का प्रयोग नहीं कर सकता था। लेकिन मैं भूल गया कि मेरे फिल्म बनाने के नजरिए के हिसाब से यह सामग्री बहुत शानदार है। '.. वडाला' के दौरान हमें बहुत सारी सामग्री मिली जिससे हम एक फिल्म त्रयी बना सकते हैं जो 'मुंबई सागा 2' और 'मुंबई सागा 3' हो सकती हैं।"
'मुंबई सागा' मुंबई पर केंद्रित होगी जो मिल मालिकों, अंडरवर्ल्ड और पुलिस के बीच संबंधों को उजागर करेगी।
संजय ने बताया कि 80 और 90 के दशक में बहुत सी मिलों में आग लगी थी और शहर को भारत का मैनचेस्टर कहा गया था। उनकी फिल्म इसी समय को दिखाएगी।
संजय ने कहा, "कैसे सारी मिलें जल गईं? लेकिन मामला यह नहीं था कि मिलें जल गईं और कर्मचारियों को हटा दिया गया। बात यह थी कि मिल मालिक उन जगहों को रियल ईस्टेट के लिए प्रयोग करना चाहते थे।"
उन्होंने बताया, "इसके लिए माफिया जगत को लाया गया।"
'कांटे' और 'शूट आउट एट लोखंडवाला' जैसी फिल्मों के लिए मशहूर संजय ने कहा, "उस समय क्या सामने आया, यही 'मुंबई सागा' की पृष्ठभूमि है।"
संजय ने कहा कि कुछ ही पत्रकारों ने इसके बारे में खुलकर लिखा था और डेरिल डीमॉन्टी उनमें से एक थे।
'..वडाला' के दौरान लगभग 20-25 किताबें पढ़ने वाले संजय ने बताया, "डेरिल ने इस पर विस्तार से लिखा है। अपनी किताब 'रिपिंग द फैबरिक : द डेक्लाइन ऑफ मुंबई एंड इट्स मील' में उन्होंने इस घटना में शामिल नाम, तारीखें और आंकड़े दिए हैं।"
संजय ने बताया कि वह वास्तविक नाम नहीं ले रहे हैं, लेकिन फिल्म की कहानी वास्तविक होगी और यह पूरी तरह एक्शन फिल्म होगी।