3 जुलाई 2012
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा है कि केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे की दो प्रकार की सेवाओं को सेवा कर से तीन महीने के लिए पूर्णत: मुक्त रखा है, क्योंकि वह इस बात से संतुष्ट है कि यह सार्वजनिक हित के लिए आवश्यक है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, जिन सेवाओं को सेवा कर से मुक्त रखा गया है, वे हैं प्रथम श्रेणी या वातानुकूलित कोच में यात्रा और माल ढुलाई।
ज्ञात हो कि सेवा कर वित्त अधिनियम 1994 की धारा 66-बी के अधीन लिया जाता है। यह छूट इस वर्ष 30 सितंबर तक जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय से आग्रह करता रहा है कि भारतीय रेल को सेवा कर से पूरी तरह छूट दी जाए। रेल मंत्री मुकुल रॉय ने प्रधानमंत्री के समक्ष यह मामला उठाया था और जोर देकर कहा था कि रेलवे द्वारा अदा की जा रही भूमिका का उद्देश्य मुख्य रूप से अपने सामाजिक दायित्व का कारगर रूप से निर्वहन करना और समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
रॉय ने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय रेल लाभ के लिए नहीं चलाई जाती। सेवा कर में छूट की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि रेल से सफर करना और आवश्यक माल की ढुलाई करना सबसे अधिक पसंद किया जाता। इस पर सेवा कर लगाना समाज के बड़े वर्ग पर विपरीत प्रभाव डालेगा और इससे मुद्रास्फीति को बढ़ावा मिलेगा।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।