21 नवंबर 2013
मुंबई|
प्रीति जिंटा और स्वरा भास्कर सरीखी बॉलीवुड हस्तियों का ख्याल है कि फिल्म नगरी मुंबई में महिलाओं का हर समय उत्पीड़न होता है या वह अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित रहती हैं। बीते वर्षो की तुलना में वर्ष 2013 में यहां दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामलों में वृद्धि हुई है। इसलिए वे इस जगह को अब असुरक्षित पाती हैं।
यहां पेश है कि फिल्मी हस्तियों की मुंबई में उनकी सुरक्षा के प्रति उनकी राय।
प्रीति जिंटा : हमें उस डर और अनिश्चितता के माहौल को दूर करने के लिए उपचारात्मक समाधान निकालने होंगे, जिनका महिलाओं को सामना करना पड़ता है। नहीं तो हम और अधिक आत्मकेंद्रित हो जाएंगे।
स्वरा भास्कर : क्या मैं मुंबई में सुरक्षित महसूस करती हूं? हां या ना। हां, इसलिए चूंकि यहां दिन या रात किसी भी समय बाहर निकलना आसान है। और ना इसलिए क्योंकि मुंबई में मुझसे कई बार छेड़छाड़ हो चुकी है। मुंबई भी देश के अन्य राज्यों की जितनी ही असुरक्षित है।
सोफी चौधरी : जब मैं अपनी मां के साथ लंदन से मुंबई आई तो हमने इसे लड़कियों के लिए विश्व के सुरक्षित शहरों में से एक पाया था। लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। अगर आप अकेली लड़की हैं तो यहां आपको लगातार अपनी चौकीदारी करनी पड़ेगी।
ऋचा चड्ढा : मुझे स्वीकार करना पड़ेगा कि यहां हमेशा सुरक्षित महसूस नहीं करती हूं। लेकिन क्या मैं किसी अन्य शहर में सुरक्षित हूं?
अमृता राव : यह शहर कामकाजी महिलाओं के लिए कतई सुरक्षित नहीं है। जब मैं शूटिंग पर होती हूं तो स्वयं को अनचाहे लोगों से बचाने के लिए अंगरक्षक रखने पड़ते हैं।
मनीषा लांबा : यह पेचीदा सवाल है। मैं मुंबई में देश के अन्य शहरों जितना ही सुरक्षित महसूस करती हूं।
तनीशा चटर्जी : मैं बीते पांच वर्षो की तुलना में अब कम सुरक्षित अनुभव करती हूं।
शिल्पा शुक्ला : मैं जब और जहां भी हूं स्वयं को सुरक्षित महसूस करती हूं।
ताप्सी पन्नू : मुझे मुंबई में डर नहीं लगता।