30 जून 2012
लखनऊ । देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली पवित्र काशी नगरी में बिराजने वाले बाबा विश्वनाथ भी अब जल्द ही इंटरनेट से जुड़ जाएंगे। इससे पहले तिरुपति बालाजी मंदिर, मां वैष्णो देवी और शिरडी के साईं बाबा मंदिर को इंटरनेट से जोड़ा जा चुका है, जिसका फायदा लाखों श्रद्धालुओं को मिल रहा है।
तीनों लोकों से न्यारी काशी में बिराजने वाले बाबा विश्वनाथ को इंटरनेट से जोड़ने के काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के इस फैसले को राज्य सरकार ने भी हरी झंडी दे दी है।
इस फैसले के बाद जहां देश और विदेश से दर्शन-पूजन के लिए काशी पहुंचने वाले भक्तों को आसानी हो जाएगी, वहीं दूसरी ओर रोज घंटों लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करने से भी छुटकारा मिल जाएगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की पहल के बाद अब बाबा विश्वनाथ को भी सीधे तौर पर इंटरनेट से जोड़ दिया जाएगा। इस मंदिर के नाम खासतौर से सावन के प्रत्येक सोमवार को एक दिन में करीब 1़ 75 लाख से अधिक भक्तों के दर्शन का रिकार्ड रहा है।
जानकारी के मुताबिक विश्वनाथ मंदिर में 'नेट दर्शन' की अनुमति मिलने के बाद भक्त घर बैठे बाबा की पूजा-अर्चना कर सकेंगे। नेट पर ही मंगला आरती, रूद्राभिषेक, से लेकर अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की बुकिंग पहले से ही हो जाएगी। बाबा विश्वनाथ को इंटरनेट से जोड़ने के फैसले का क्रियान्वयन जल्द ही किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि नेट से जुड़ने के बाद देश-दुनिया के करीब 15 फीसदी भक्त इसका फायदा उठा सकेंगे।
मंदिर के प्रमुख अर्चक पं. श्रीकांत मिश्र बताते हैं, बाबा काशी विश्वनाथ के इंटरनेट से जुड़ने के बाद देश-दुनिया के आस्थावानों को काफी सुविधा मिल जाएगी। नेट पर बुकिंग सुविधा होने से मंगला आरती के अलावा विशेष पूजन-अर्चन के लिए मंदिर के काउंटर पर जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी।
काशी विश्वनाथ में इससे पहले अब तक मंदिर की वेबसाइट पर ऑनलाइन दर्शन, ई-दर्शन और ई-पूजा की सुविधा रही है।
मंदिर परिसर के धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से भक्तों के लिए खासतौर पर व्यवस्था की जा रही है। परिसर में घंटों कतार में लगकर गर्भगृह तक पहुंचने वाले बाबा के भक्तों को अब धूप और बारिश का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए मंदिर न्यास की ओर से खासतौर पर व्यवस्था की जा रही है, जिसका लाभ जल्द ही दर्शनार्थियों को मिलेगा।
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