1 नवंबर 2012
मुम्बई। वर्ष 1983 में प्रदर्शित 'जाने भी दो यारो' में आम आदमी की भूमिका निभाने वाले नसीरुद्दीन शाह मानते हैं कि फिल्म को दोबारा से प्रदर्शित करने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता क्योंकि यह देश की वर्तमान परिस्थितियों से मेल खाती फिल्म है। 62 वर्षीय अभिनेता ने मंगलवार को फिल्म के विशेष प्रदर्शन के मौके पर कहा, "मैं समझता हूं कि फिल्म को अभी प्रदर्शित करने का बिल्कुल उचित समय है और शायद हमेशा ही उचित रहेगा। क्योंकि मैं नहीं सोचता कि भ्रष्टाचार का मौसम कभी जाने वाला है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितनी कड़ी कोशिश कर रहे हैं।"
'जाने भी दो यारो' का डिजिटल संस्करण शुक्रवार को देशभर के पीवीआर सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो जाएगा।
कुंदन शाह के निर्देशन में बनी व्यंग्यपूर्ण हास्य फिल्म है, जो एक भ्रष्ट देश की दुर्दशा और उसके परिणामस्वरूप आम आदमी के दुख का चित्रण करती है।
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