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जन्नत-2 : फिल्म समीक्षा

jannat 2 film review

महेश भट्ट की फिल्मों की एक बड़ी खासियत फिल्म का गीत-संगीत है, लेकिन सिर्फ गीत-संगीत के बूते फिल्म टिकट खिड़की पर दर्शक बटोर सकती है, यह समझना भूल है। निर्माता महेश भट्ट और निर्देशक कुणाल देशमुख शायद इस बात को पूरी तरह नहीं समझ पाए। हालांकि, चार साल पहले सफल रही जन्नत की सीक्वल जन्नत-2 में बॉक्स ऑफिस के मद्देनज़र सारे मसाले ठूंसे गए हैं, लेकिन अदाकारी से लेकर निर्देशन तक कई क्षेत्रों में फिल्म चूकती दिखती है।

कहानी-
जन्नत 2 की कहानी सोनू दिल्ली (इमरान हाशमी) के इर्द-गिर्द घूमती है। सोनू को सिर्फ पैसा कमाने की धुन है और अपने सपनों को पूरा करने के लिए वह तेजी से पैसा कमाना चाहता है इसलिए अवैध हथियार बेचता है। हथियार बेचते हुए उसकी अपनी एक फिलॉसफी भी है।ऐसे में वह कब जन्नत की तलाश में नर्क के जाल में फंस जाता है उसे भी नहीं मालूम पड़ता। इस बीच उसकी जिंदगी में जाह्नवी तोमर (ईशा गुप्ता) की एंट्री होती है। जाह्नवी एक मध्यवर्गीय परिवार की लड़की है, जो अस्पताल में डॉक्टर है। जाह्नवी के लिए सोनू अपने आपको बदलना चाहता है, लेकिन पुरानी आदतें आसानी से नहीं छूटती है। ऐसे समय में एक सख्त मिजाज एसीपी प्रताप रघुवंशी (रणदीप हुड्डा ) सोनू की जिंदगी में आता है। प्रताप अवैध हथियारों की बिक्री को रोकना चाहता है साथ ही उन लोगों को सलाखों के पीछे करना चाहता है जो ये अपराध कर रहे हैं। क्या वह इसमें सफल हो पाता है? फिल्म की कहानी इसी पर आधारित है|

फिल्म का पहला हिस्सा कुछ बोरिंग है। हालांकि, निर्देशक ने दूसरे भाग में गति लाने की कोशिश की है।

एक्टिंग-

निर्देशक ने इमरान हाशमी को एक्टिंग का पूरा मौका दिया है, और इस भार को उठाने की उन्होंने पूरी कोशिश भी की है। मगर कमजोर कहानी के चलते उनकी कोशिश नाकाम साबित होती नजर आती है। ईशा गुप्ता की अदाकारी में अनुभवहीनता की झलक साफ दिखती है। अभिनय के मामले में रणदीप हुड्डा बाजी मारते हुए दिखते हैं। उन्होंने एसीपी प्रताप रघुवंशी के रोल को उन्होंने बखूबी निभाया है। इसके अलावा जीशान अयूब, आरिफ ज़कारिया के अभिनय को ठीक-ठाक कहा जा सकता है।

डायरेक्‍शन-
निर्देशक जहाज का कप्तान होता है और जन्नत-2 में कप्तान कई मामलों में चूक गया। कुणाल देशमुख भट्ट कैंप से मिले अनुभव को कैश कराने में नाकामयाब साबित हुए हैं। कहानी बहुत ही कमजोर है और साथ ही उसे पेश करने में कुणाल का निर्देशन बेदम है।

संगीत

संगीत के मामले में जन्नत 2 को हम बेहतर कह सकते हैं। भट्ट कैंप की फिल्मों में संगीत उसकी जान होती है और इस मामले में संगीतकार प्रीतम में अच्छा काम किया है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी कहानी के हालात के मुता‌बिक ठीक कहा जा सकता है।

कुल मिलाकर सिर्फ म्यूजिक और रणदीप हुड्डा का अभिनय फिल्म का प्लस प्वाइंट है। इमरान हाशमी की अच्छी कोशिशें हैं, और उनके फैन फिल्म को देखने जा सकते हैं।

फिल्म : जन्नत 2
निर्माता : महेश भट्ट
निर्देशक : कुणाल देशमुख
बैनर : फॉक्स स्टार स्टुडियो, विशेष फिल्म्स
संगीत : प्रीतम चक्रवर्ती
कलाकार : इमरान हाशमी, ईशा गुप्ता, रणदीप हुडा, मनीष चौधरी

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