6 जून 2012
भोपाल । केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा है कि पूरी दुनिया में आर्थिक हालात अच्छे नहीं है और इसका असर भारत पर भी पड़ा है, मगर भारत इसका मुकाबला करने में सक्षम है। उन्होंने माना कि आर्थिक हालात खराब है, मगर खतरा वाली कोई बात नहीं है। भोपाल गैस त्रासदी को लेकर बने मंत्री समूह के अध्यक्ष और गृहमंत्री चिदंबरम ने मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा के दौरान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दोनों कार्यकालों का जिक्र करते हुए कहा कि संप्रग एक के कार्यकाल के समय आर्थिक हालात अच्छे थे, मगर संप्रग दो के कार्यकाल में हालात तेजी से बिगड़े हैं। इससे दुनिया का हर देश प्रभावित हुआ है, इसके बावजूद उन्हें भरोसा है कि भारत इन स्थितियों से उबर आएगा।
चिदंबरम ने आगे कहा कि यह आर्थिक स्थिति पहली बार नहीं बनी है, बल्कि इससे पहले भी इसी तरह के हालात बने है। मगर भारत ने अपने को उससे उबारा लिया था, इस बार भी ऐसा ही होगा। बीते दो वर्ष में देश की विकास दर 8.4 प्रतिशत रही है, इस वर्ष गिरावट आई है मगर अगले वर्ष इसमें सुधार की उम्मीद है।
भोपाल गैस त्रासदी को लेकर बने मंत्री समूह के अन्य सदस्य केन्द्रीय राज्यमंत्री वी. नारायणसामी और केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ भोपाल पहुंचे चिदंबरम ने आश्वासन दिया कि भोपाल गैस हादसे के बाद जमा रासायनिक कचरे के निपटारे का फैसला आठ जून को दिल्ली में होने वाली बैठक में हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि भोपाल में जमा 390 टन कचरे में से 40 टन कचरे का निपटारा हो चुका है। शेष बचे 350 टन रासायनिक कचरे के निपटारे के लिए उच्चन्यायालय के निर्देश के आधार पर गुजरात के अंक्लेश्वर, मध्यप्रदेश के पीथमपुर और महाराष्ट्र के तमोजा में कोशिश हुई मगर तीनों राज्यों की सरकार और स्थानीय लोगों की आपत्ति के चलते यह कोशिश सफल नहीं हुई।
चिदंबरम ने आगे कहा कि अब इस कचरे के निपटारे के लिए जर्मनी की एक कम्पनी से बात-चीत चल रही है। बीते शुक्रवार को हुई बैठक में इस मसले पर विचार विमर्श भी हुआ। इस संबंध में आठ जून को दिल्ली में होने वाली मंत्री समूह की बैठक में फैसला ले लिया जाएगा, फैसला क्या होगा कहा नहीं जा सकता। उसी के आधार पर कचरा निपटारे के संबध में सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।
नक्सलवाद को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि देश के पूर्वी राज्यों में वामपंथ अतिवाद (नक्सलवाद) का असर था, मगर उत्तर पूर्व में सक्रिय विद्रोही समूह केंद्र सरकार से बातचीत कर रहे है। वह मध्य प्रदेश को नक्सलवाद से प्रभावित नहीं मानते। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मसले को उनके सामने उठाया है, लिहाजा इसके लिए उन्होंने चौहान को दिल्ली बुलाया है।
इस मौके पर चिदंबरम ने संप्रग दो सरकार के तीन वर्षीय कार्यकाल का भी ब्यौरा दिया। चिदंबरम, खुर्शीद और सामी ने केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को सिलसिलेवार गिनाया। उन्होंने कहा की पूरी दुनिया आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है, इस दौर में भी भारत ने सारी चुनौतियों का मुकाबला करते हुए अपनी विकास दर को बनाए रखने की कोशिश की है इसके अलावा कमजोर वर्ग और अल्पसांख्यकों के लिए सरकार ने तमाम कल्याणकारी योजनाएं चला रखीं है।
एक सवाल के जवाब में मंत्रियों ने स्वीकारा कि मंहगाई बढ़ रही है, मगर साथ में उन्होने जोड़ा की आम आदमी को इस मंहगाई से राहत दिलाने के लिए सरकार की ओर से पहल भी की जा रही है। समानांतर व्यवस्था की गई है ताकि गरीब आदमी को इससे बचाया जा सके। उन्होंने इन कोशिशों में खाद्य सुरक्षा कानून, शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम को गिनाया।
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