4 जुलाई 2012
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में सावन महीने की शुरुआत के साथ पहले ही दिन शिवालयों में शिवभक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की और जयकारे लगाए।
उत्तर प्रदेश में वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ और कानपुर में सुबह से ही भक्तों की लम्बी कतारें लगी थीं। लोग हाथों में दूध, गंगाजल और बेलपत्र लेकर बाबा भोलेनाथ के मंदिरों की ओर प्रस्थान करते देखे गए।
वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर स्थित बाबा विश्वनाथ के मंदिर में भी शिवभक्तों की लम्बी कतारें देखी जा रही हैं। विश्वविद्यालय परिसर में ज्यादातर छात्र-छात्राएं बुधवार तड़के ही भोलेनाथ के दर्शन के लिए कतार में खड़े नजर आए। बीएचयू के अलावा गोदौलिया स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर भी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा है।
वाराणसी के अलावा इलाहाबाद के मनकामेश्वर मंदिर के बाहर भी श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें देखी गयीं। लोग हाथों में गंगाजल और बेलपत्र लिए हुए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
ऐसा माना जाता है कि पवित्र सावन महीने में बाबा भोलेनाथ की सच्चे मन से प्रार्थना करने पर भक्तों की मनोकामना पूरी होती है।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य बासुदेवानंद ने सावन महीने की महिमा के बारे में बताया, "सावन पवित्र महीना माना जाता है। इस दौरान भक्त अपनी मनोकामना लेकर अपने आराध्य देव की पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं।"
उन्होंने कहा, "सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना करनी चाहिए। सालभर पूजा अर्चना न भी करने से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन सावन महीने के दौरान जो सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, बाबा उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं।"
बासुदेवानंद बताते हैं कि सावन के महीने में जो शिवभक्त रूद्राभिषेक का आयोजन करता है, उस पर बाबा भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है। कहते हैं कि सावन में एक रूद्राभिषेक एक अश्वमेध यज्ञ के बराबर होता है।
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