30 जून 2012
मनाली। अगर आप स्कीइंग के शौकीन हैं, तो आपको इस रोमांच का लुत्फ उठाने के लिए बर्फबारी का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। कुदरत की मनोहारी छवियों से लैस हिमाचल की सोलंग घाटी में आप घास के मोटे आवरण वाली खूबसूरत ढलानों पर स्कीइंग का मजा ले सकते हैं।
मनाली में अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स के निदेशक रणधीर सिंह सलहुरिया कहते हैं, "यहां घास वाली ढलान स्कीइंग के लिए तैयार है। देश में स्कीइंग के लिए उपयुक्त इस एकमात्र प्राकृतिक ढलान पर आप पूरे साल स्कीइंग कर सकते हैं।"
दुनिया भर के सैलानियों में स्कीइंग और खूबसूरज नजारों के लिए प्रसिद्ध सोलंग मनाली से 13 किलोमीटर दूर है। रोमांचक खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 1961 में स्थापित इस संस्थान ने 120 मीटर लंबी ढलान पर घास लगाकर इसे खास तौर पर स्कीइंग के लिए तैयार किया है। कई तरह की घास लगाकर इसे इस गतिविधि के लिए तैयार किया गया है। संस्थान ने घास की ढलान पर स्कीइंग के लिए सात दिनों का एक बुनियादी कोर्स भी शुरू किया है।
उल्लेखनीय है कि यूरोपीय देशों में घास के ढलान युक्त मैदानों पर स्कीइंग का हमेशा से क्रेज रहा है, पर भारत में इसका विकास नहीं हो पाया है। अब चीन, जापान और ईरान में भी ग्रास स्कीइंग तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
सलहुरिया ने बताया कि यह बुनियादी कोर्स सर्दी का मौसम आने से पहले तक जारी रहेगा और इसमें 10 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति दाखिला ले सकता है। उन्होंने ऐसी स्कीइंग की विशेषता की चर्चा करते हुए कहा, "ग्रास स्कीइंग कार्यक्रम को प्रतिभागियों की जरूरतों के अनुसार ढाला जा सकता है।"
संस्थान के उप निदेशक महावीर ठाकुर कहते हैं, "सर्दी में इस ढलान का इस्तेमाल स्नो स्कीइंग के लिए भी हो सकता है। मार्च में जब बर्फबारी का मौसमी सत्र समाप्त हो जाता है तो ढलानों पर घास उगने लगती है। अतिरिक्त घास उगाकर इन्हें ग्रास स्कीइंग के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।"
संस्थान ने स्नो एवं ग्रास स्कीइंग के लिए 25 लाख रुपये के उपकरण खरीदे हैं। एक स्की की कीमत औसतन 30 हजार रुपये है। इसे यूरोप से आयात किया गया है। विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूजीएफआई) के महसचिव रोशन लाल ठाकुर कहते हैं, "स्कीइंग के शौकीन यहां ग्रास स्कीइंग का लुत्फ उठाकर खुद को अधिक तरोताजा रख सकते हैं।"
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