21 जून 2012
लंदन। डेनमार्क में किये गये एक अध्ययन के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान शराब के एक-दो पैग के सेवन से शिशु के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। यद्यपि आम धारणा यह है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के अत्यधिक शराब के सेवन से शिशु के मंदबुद्धि, व्यवहारगत समस्याएं एवं चेहरा खराब होने की सम्भावना होती है।
चिकित्सकों द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार शराब की शौकीन महिलाएं एक हफ्ते में दो बार 175 मिलीलीटर तक वाइन का सेवन कर सकती हैं।
डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि हफ्ते में इस मात्रा का तीन गुना शराब का सेवन करने पर भी गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।
ब्रिटिश वैज्ञानिक पत्रिका 'आब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनकोलॉजी' की रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं के अध्ययन का उद्देश्य कुछ रिपोर्टों की जांच करना था जिसमें कहा गया था कि संयमित मद्यपान का भी गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इस अध्ययन में 1628 महिलाओं को शामिल किया गया और उनकी गर्भावस्वस्था से पांच वर्ष तक निगरानी की गई।
शोधकर्ताओं ने अल्कोहल सेवन की तीन श्रेणियां बनाई जिसमें हल्का (हफ्ते में एक से चार बार सेवन), संयमित (हफ्ते में पांच से आठ बार) और अत्यधिक (नौ या ज्यादा) शामिल थीं। एक पेग 125 मिलीलीटर के बराबर था।
उन्होंने पाया कि हफ्ते में आठ पेग शराब के पीने से बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा।
आरहस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शियोल मॉडल , "इस शोध से हम महिलाओं को ज्यादा शराब पीने के लिये प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं लेकिन इससे उन महिलाओं को राहत पहुंचेगी जो गर्भावस्था के शुरुआती दिनों से शराब का सेवन कर रहीं है।"
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