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Diwali 2020 (दिवाली 2020) | Deepavali 2020 Date & Puja Time in Hindi

दिवाली 2020 (Diwali 2020): दिवाली या दीपावली का अर्थ है 'दीप (दिए) + अवली (पंक्ति) = दीपों की पंक्ति'। इस प्रकार दिवाली के त्यौहार की ही तरह दीपावली का अर्थ भी बहुत सुन्दर और सार्थक है। दीपावली भारत के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक है। धनतेरस से लेकर भैयादूज तक चलने वाले दीपावली के त्यौहार का लोग साल भर इंतज़ार करते हैं। दीपावली को दीपोत्सव भी कहा जाता है, जो वस्तुतः अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में मनाया जाता है।

दीपावली 2020

दीपावली सिख और जैन धर्म को मानने वाले लोग भी बहुत उत्साह से मनाते हैं। सिख इसे 'बंदी छोड़ दिवस' के रूप में और जैन लोग 'महावीर स्वामी के मोक्ष दिवस' के रूप में मनाते हैं। साथ ही दीपावली भारत के साथ नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, मॉरीशस, त्रिनिदाद, गुयाना, फिज़ी, सिंगापुर, मलेशिया आदि देशों में भी मनाई जाती है। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने दीपावली के दिन ही, हिन्दू धर्म के गौरवशाली अस्तित्व को अटूट बनाये रखने के लिए 'आर्य समाज' की स्थापना की थी। इसलिए दीपावली का त्यौहार आर्य समाज के लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

वर्ष 2020 में दीपावली 14 नवंबर दिन, शनिवार को मनाई जायेगी।

दिवाली 2020 पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त 17:30:10 से 19:26:01 तक
अवधि 1 घंटे 55
प्रदोष काल 17:27:47 से 20:07:03 तक
वृषभ लग्न काल 17:30:10 से 19:26:01 तक
दीपावली महानिशीथ काल मुहूर्त मुहूर्त्त :23:39:24 से 24:32:30 तक
अवधि 0 घंटे 53 मिनट
महानिशीथ काल 23:39:24 से 24:32:30 तक
सिंह लग्न काल 24:01:40 से 26:19:19 तक
दीपावली चौघड़िया मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त्त (लाभ, अमृत) 14:20:25 से 16:07:14 तक
सायँ काल मुहूर्त्त (लाभ) 17:27:48 से 19:07:20 तक
रात्रि मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल) 20:46:52 से 25:45:29 तक
उषाकाल मुहूर्त्त (लाभ) 29:04:34 से 30:44:06 तक

सूचना: यह मुहूर्त नई दिल्ली के लिए प्रभावी है।

दिवाली 2020: दीपावली का महत्व

दिवाली 2020 के इस भाग में हम आपको दिवाली का महत्व बता रहे हैं। दीपावली अपने आप में ही बहुत ख़ास त्यौहार है, जो ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, आर्थिक, सामाजिक हर दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। यह त्यौहार साल भर की गंदगी की तो सफाई करता ही है। साथ ही लोगों को अपने प्रियजनों से मिलने का, उन्हें यथासंभव भेंट देने का सुनहरा अवसर भी देता है। इस त्यौहार के लिए खासतौर पर बच्चों का उत्साह तो देखते ही बनता है। साथ ही नरक-चतुर्दशी से लेकर भैयादूज तक के दीपावली से जुड़े त्यौहार इन पांच दिनों को बहुत ख़ास बना देते हैं।

दिवाली 2020: दिवाली के दिन किस समय करना चाहिए श्री लक्ष्मी पूजन ?

मुहूर्त का नाम समय विशेषता महत्व
प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उत्तम समय स्थिर लग्न की वजह से पूजा का विशेष महत्व
महानिशीथ काल मध्य रात्रि में पड़ने वाला मुहूर्त माता काली के पूजन का विधान तांत्रिक पूजा के लिए शुभ समय

दिवाली 2020: दीपावली कब मनाई जाती है?

दीपावली 2020 हमेशा की तरह कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती जाएगी है। यह परंपरागत रुप से हर साल मध्य अक्टूबर या मध्य नवम्बर में दशहरा के लगभग 18 दिन बाद मनाई जाती है। यह हिंदुओं का बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस सम्बन्ध में नियम यह हैं कि यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल का स्पर्श नहीं करती तो दूसरे दिन दीपावली मनाई जाती है और यदि अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के ठीक बाद प्रतिप्रदा तिथि शुरू हो जाए तो ऐसी स्थिति में चतुर्दशी तिथि को ही दीपावली मनानी चाहिए। दीपावली का त्यौहार मनाने से जुड़ी सबसे प्रचलित कथा के अनुसार चौदह वर्षों के कठिन वनवास के बाद जब भगवान श्री राम अपनी पत्नी माँ सीता जी और भाई लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापिस लौटे, तो उनके वापिस लौटने के ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने हर्ष से अभिभूत होकर घी के दिए जलाये थे। तब से लेकर आज तक हर वर्ष दीपावली पर दिए जलाकर और मिठाइयाँ बाँट कर यह त्यौहार मनाया जाता है।

दिवाली 2020: प्राचीन ग्रंथों में दीपावली

दीपावली 2020 का संस्कृत ग्रंथों जैसे कि 'पद्म पुराण' और 'स्कन्द पुराण' में भी उल्लेख मिलता है। सातवीं शताब्दी में राजा हर्ष द्वारा रचित नाटक 'नागानंद' में दीपावली का उल्लेख 'दीपप्रतिपादुत्सव:' कहकर किया गया है। वहीं नवीं शताब्दी में राजशेखर द्वारा रचित 'काव्यमीमांसा' में इसे 'दीपमालिका' की संज्ञा दी गयी है।

दिवाली 2020: दीपावली कैसे मनाई जाती है?

दिवाली 2020 के हमारे लिख में जानिए दिवाली कैसे मनाई जाती है। दीपावली 2020 की प्रतीक्षा भारतवर्ष के साथ साथ विश्व भर में की जा रही है। इस अवसर पर घरों की अच्छी तरह से साफ़-सफाई की जाती है। पुरानी चीजों के स्थान पर नयी चीजों को लाया जाता है। बाज़ार तरह-तरह की आकर्षक चीजों से सज जाते हैं और लगभग हर चीज पर आकर्षक ऑफर्स की भरमार देखने को मिलती है, जो ग्राहकों को ख़रीददारी करने के लिए प्रेरित करती है।

लोग इस अवसर पर घर के लिए तो नयी चीजें खरीदते ही हैं, साथ ही अपने प्रियजनों को भेंट देने के लिए भी उपहार, मिठाइयॉं आदि खरीदते हैं। घरों, दुकानों, दफ्तरों की साफ़-सफाई कर उन्हें सजाया जाता है। इस अवसर पर लोग खूब आतिशबाज़ी करके ख़ुशी मनाते हैं। इसलिए बाज़ार में पटाखों की दुकानें भी बहुतायत से सजती हैं।

ब्रह्मपुराण के अनुसार दीपावली की आधी रात के समय महालक्ष्मी जी घरों में विचरण करती हैं, इसलिए घरों को सभी लोग अधिक से अधिक सजाने का उपक्रम करते हैं, ताकि घर की साफ़-सफाई और साज-सज्जा से प्रसन्न होकर देवी लक्ष्मी उनके घर में स्थायी रूप से निवास करें।

किसानों के लिए भी दीपावली का विशेष महत्व है, क्योंकि इस समय खरीफ़ की फसल पक कर तैयार हो जाने से किसानों के खेत और खलिहान समृद्ध हो जाते हैं। ऐसे में किसान समाज अपनी समृद्धि का यह पर्व हर्षोल्लास से मनाता है।

दिवाली 2020: दीपावली के दिन क्या करें

दिवाली 2020 लेख के इस भाग में हम आपको बताएँगे दिवाली के दिन बरती जाने वाली सावधानियां।

  • दीपावली वाले दिन नहा धो कर नए कपड़े पहनने चाहियें।
  • शास्त्रों के अनुसार बच्चों और बुज़ुर्गों को छोड़कर अन्य सभी को, दीपावली के दिन श्रद्धा पूर्वक उपवास रखना चाहिए और रात को लक्ष्मी-गणेश पूजन के बाद ही उपवास खोलना चाहिए।
  • घर में यथाशक्ति पकवान बनाने चाहियें।
  • शाम को दोबारा नहा धो कर साफ़ कपड़े पहनें और मुहूर्त के अनुसार पूजन की तैयारी करें।
  • लक्ष्मीजी, गणेश जी का विधिवत पूजन करें और उसके बाद घी और तेल के दिए यथानुसार मंदिर, तुलसी जी के चौके और घर-आँगन में सज़ाएँ।
  • पूजन करने के बाद घर के बच्चों और बड़े-बुज़ुर्गों को प्रसाद-मिठाई आदि दें।
  • कहीं-कहीं घर की बहू-बेटियों को भी रुपये और नए कपड़े आदि भेंट देने का प्रचलन है।

दिवाली 2020: दीपावली पर दीपक कहाँ जलाएं

यूं तो दीपावली पर पूरे घर-आँगन में ही दीपक जलाएं जाते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि लक्ष्मी जी, सरस्वती जी और गणेश जी के चित्र/मूर्ति के सामने दीपावली की पूरी रात घी का अखंड दीप अवश्य जले। घर के मंदिर के साथ ही किसी समीप के मंदिर, चौराहे और पीपल के पेड़ के नीचे भी दिया ज़रूर जलाएं। पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाते समय पीछे मुड़कर न देखें। रसोई घर में जहाँ आप पीने का पानी रखते हैं, वहाँ भी एक दीपक ज़रूर जलाएं।

दिवाली 2020: सिद्धिप्रदा होती है दीपावली की रात

दिवाली 2020 के इस लेख के माध्यम से हम अब आपको बताते हैं दिवाली की रात की महत्ता के बारे में। दीपावली की रात अमावस्या की रात होने के कारण तांत्रिकों के लिए बहुत महत्व रखती है। इस रात को सिद्धिप्रदा भी कहा जाता है, जिसके कारण अक्सर लोगों के दीपावली की रात अतिरिक्त धन-लाभ आदि के लिए अनेक तंत्र क्रियाओं में संलग्न होने की भी ख़बरें अक्सर सुनाई देतीं हैं। लेकिन यदि पूरा ज्ञान न हो तो इन सबसे बचना चाहिए, क्योंकि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। इसलिए सही कर्मों को करते हुए सही तरीके से धन कमाना ही सर्वोचित है।

हम आशा करते हैं कि वर्ष 2020 में दीपों का त्यौहार ‘दीपावली’ आपके लिए अत्यंत शुभ हो और आपके घर-परिवार पर श्री लक्ष्मी, सरस्वती और गणेश जी की अनुकंपा सदैव बनी रहे। आप सभी को हमारी ओर से दीपावली के पावन पर्व की की हार्दिक शुभकामनायें!!

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