24 सितंबर 2011
दिल्ली। कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी के अपने पितृ्त्व संबंधी डीएनए टेस्ट कराने से लगातार इंकार करने पर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है तिवारी को पितृत्व संबंधी मामले में डीएनए टेस्ट कराने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस टेस्ट को कराने से जिस तरह से तिवारी इंकार कर रहे हैं उससे इस बात की पुष्टि होती है कि उन्हें अपना पिता बताने वाले रोहित शेखर का दावा सही है।
जस्टिस गीता मित्तल ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को बार बार अपना रक्त नमूना देने के लिए कहा गया है लेकिन उन्होंने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया है। कोर्ट का कहना है कि तिवारी के रवैये से साफ लगता है कि वे जानबूझ कर रक्त का नमूना नहीं देना चाहते हैं। शायद उन्हें इस बात का डर है कि नमूना की जांच से ये बात साबित हो जाएगा कि उन्हें अपना जैविक पिता बताने वाले रोहित शेखर के दावे में सच्चाई है।
अदालत ने कहा कि तिवारी को पकड़कर खून के नमूने देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
इससे पूर्व तिवारी को अपना पिता बताने के रोहित ने सौ से अधिक फोटो साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया है। रोहित की मां उज्ज्वला सिंह का कहना है कि तिवारी ही उसके पुत्र के पिता है।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।