इंटरनेट पर कंटेंट की हेराफेरी अब नयी बात नहीं है। किसी वेबसाइट से कंटेंट उठाकर कोई अपनी वेबसाइट पर डाल रहा है, तो कोई ब्लॉग पर। दिक्कत तब होती है,जब कंटेंट से आवश्यक जानकारियां या आंकड़े वगैरह ही नहीं उठाए जाते बल्कि पूरा का पूरा लेख ‘मार’लिया जाता है। यानी कॉपीराइट का उल्लंघन करते हुए पूरी सामग्री जस की तस अपने नाम से पुनर्प्रकाशित कर दी जाती है।
हिन्दी में ब्लॉग संख्या बढ़ने के साथ ब्लॉगिंग जगत में भी यह प्रवृत्ति दिखायी देने लगी है। कई हिन्दी ब्लॉगर समाचार पत्रों की साइट से हुबहू लेख मारकर अपने ब्लॉग पर चस्पां कर देते हैं तो कई दूसरे ब्लॉगर की पूरी ब्लॉग पोस्ट या उसका बड़ा हिस्सा अपनी पोस्ट में इस्तेमाल कर लेते हैं। दिलचस्प ये कि कई बार सीनाजोरी निराले अंदाज में होती है।
मसलन वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के ब्लॉग की तकरीबन सारी पोस्ट एक अन्य ब्लॉग अक्षत-सक्सेना डॉट ब्लॉगस्पॉटकॉम पर उपलब्ध हैं। गौरतलब है कि सक्सेना की अंग्रेजी स्पेलिंग में दो बार ‘ए’वर्ण है। इस ब्लॉग के मास्टहेड पर भी पुण्य प्रसून बाजपेयी ही लिखा है। उनकी पोस्ट लेने के बाबत उनसे इजाजत भी नहीं ली गई।
ब्लॉग कंटेंट चोरी होने के तमाम अन्य मामले लगातार सामने आते रहे हैं। ऐसा नहीं है कि अंग्रेजी में कंटेंट चोरी नहीं होता। खूब होता है। लेकिन, अंग्रेजी में कंटेंट इतना ज्यादा है कि सामान्य बातों पर विवाद नहीं होता। लेकिन, हिन्दी में ब्लॉग कंटेंट चोरी होना फौरन पकड़ा जाता है।
सवाल ये है कि कंटेंट चोरी की बात सामने आए तो ब्लॉगर क्या करें। वरिष्ठ साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल का कहना है कि आपके मौलिक कंटेंट की चार लाइन चोरी हों या पूरी पोस्ट-ये चोरी है और कॉपी राइट कानूनों का उल्लंघन है। इस अपराध के लिए तीन साल की सजा और पांच लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है।
लेकिन,दिक्कत ये है कि ब्लॉगर इसकी शिकायत नहीं करते। ब्लॉग लेखकों में जागरुकता की कमी है,और इसी का फायदा कंटेंट चोर उठाते हैं। हालांकि,दुग्गल साहब ये मानते हैं कि अभी तक ब्लॉग कंटेंट चोरी होने के जितने भी मामले अदालत में पहुंचे हैं, उन पर फैसला नहीं आया है। लेकिन उनका कहना है कि ब्लॉग लेखकों को अपने कानूनी अधिकारों से परीचित होना ही चाहिए क्योंकि ब्लॉगिंग देश में तेजी से पांव पसार रही है और इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आएंगी।
वैसे,आप अपने कंटेंट की चोरी पर नज़र रख सकते हैं। कई वेबसाइट यह सुविधा देती हैं कि आपका कंटेंट कहां-कहां इस्तेमाल हुआ है। इनमें से एक है-कॉपीस्केपडॉटकॉम। ये साइट ज्यादा मदद भले न करे,लेकिन चोरी का संकेत तो दे ही देगी क्योंकि ज्यादा जानकारी प्रीमियम एकाउंट पर मिलती है।
-पलाश पांडे
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