29 मई 2011
नई दिल्ली। बहुप्रतीक्षित तीसरी पीढ़ी (3जी) की दूरसंचार प्रौद्योगिकी पर आधारित बेहतर सेवाओं के लिए उभोक्ताओं को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। मौजूदा 3जी सेवाओं का उपयोग कर रहे उपभोक्ताओं को लगातार कॉल ड्राप होने और इंटरनेट के संचालन में अनियमित गति की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि 3जी सेवाओं को बेहतर होने में छह से नौ महीने का समय लग सकता है।
दिल्ली स्थित एक बैंक अधिकारी अनुज कुमार ने 3जी सेवा में लगातार मुश्किलों और नेटवर्क सम्बंधी परेशानियों के कारण वापस 2जी नेटवर्क पर संचालित होने वाली सेवा को अपना लिया है।
कुमार ने कहा, "3जी सेवा शुरू करने पर कॉल ड्राप होने की समस्या काफी बढ़ गई थी। आवाज भी ठीक से सुनाई नहीं देती थी। वापस 2जी सेवा उपयोग करने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। मेरे काम में अबाधित रूप से संचार करना बेहद जरूरी है।"
एक प्रमुख बैंक में विक्रय प्रबंधक प्रतिभा श्रीवास्तव को भी इसी तरह की समस्या झेलनी पड़ी।
उन्होंने कहा, "3जी सेवाओं की गुणवत्ता बेहद, बेहद कमजोर है। बातचीत लगातार टूटती है और आवाज भी ठीक तरह से सुनाई नहीं देती।"
देश में 3जी सेवाएं अपनाने वाले 90 लाख लोगों में से कई लोगों को इसी तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है।
3जी सेवाओं के लाइसेंस खरीदने के लिए अरबों रुपये खर्च करने वाली निजी कम्पनियों का कहना है कि किसी भी नई प्रौद्योगिकी को ठीक तरह से संचालित करने में कुछ वक्त की जरूरत होती है।
वहीं भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष जे. एस. शर्मा संचालकों की इस बात से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, "जिन उपभोक्ताओं ने इस सेवा का उपयोग शुरू किया है वह ज्यादा कीमत चुकाने वाले उपभोक्ता हैं। आप ऐसा नहीं कह सकते कि शुरुआती चरण के कारण इतने लम्बे समय तक समस्या हो रही है। इस तरह के कारण एक दो सप्ताह तक स्वीकार किए जा सकते हैं।"
दूरसंचार नियामक द्वारा इस मामले पर ध्यान दिए जाने और जल्द ही गुणवत्ता जांच शुरू किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "हमें इस बात को भी देखने की जरूरत है कि यह लोग किस तरह का निवेश कर रहे हैं।"
सलाहकार संस्था कॉमफर्स्ट इंडिया के निदेशक और दूरसंचार विशेषज्ञ महेश उप्पल ने कहा कि 2जी से 3जी सेवाओं में स्थानांतरित होने के कारण समस्या आ रही है।
उन्होंने कहा, "3जी नेटवर्क में मुझे भी समस्या हो रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि नेटवर्क अभी बदलाव के चरण में है। कुछ गड़बडियों की सम्भावना पहले से ही थी। यह कम्पनियां काफी तेजी से 3जी सेवाओं की ओर बढ़ी हैं।"
दूसरी ओर दूरसंचार कम्पनियों का कहना है कि किसी भी प्रौद्योगिकी को सही तरीके से संचालित करने में कुछ समय लगता है।
सेल्यूलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक रजन मेथ्यूस ने कहा, "आप समझ सकते हैं कि पुरानी तकनीक को नई तकनीक से जोड़ने मे समय लगता है। संचालक इसके लिए एक बिल्कुल नया नेटवर्क तैयार कर रहे हैं।"
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