6 अप्रैल 2012
नई दिल्ली | विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण चीन सागर विश्व की सम्पत्ति है और समृद्ध व्यापार के लिए इसे मुक्त होना चाहिए।
कृष्णा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "भारत मानता है दक्षिण चीन सागर विश्व की सम्पत्ति है.. उन व्यापारिक मार्गो को किसी भी देश के हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। इनका इस्तेमाल, दक्षिण चीन सागर के दायरे में आने वाले देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियां बढ़ाने में किया जाना चाहिए।"
कृष्णा ने कहा कि इस सच्चाई को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) ने और आसियान समूह के देशों के साथ बातचीत के दौरान चीन ने स्वीकार किया है।
विदेश मंत्री ने कहा, "भारत इस सिद्धांत को मानता है कि इन व्यापारिक मार्गो को व्यापार की समृद्धि के लिए मुक्त होना चाहिए।"
ज्ञात हो कि चीन ने गुरुवार को भारत से कहा था कि वह चीन सागर के विवाद में न उलझे। उसने कहा था कि क्षेत्र में द्वीपों की सम्प्रभुता एक बड़ा मुद्दा है और मुद्दे के समाधान तक भारत को यहां तेल की खोज नहीं करनी चाहिए।
कृष्णा ने भारत और चीन के बीच सम्बंधों में तनाव की बात से इंकार किया। उन्होंने कहा, "भारत और चीन के बीच सम्बंधों में कोई तनाव नहीं है। ब्रिक्स शिखर बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ दिल्ली आए थे और उनके साथ हमारी बहुत ही सौहाद्र्रपूर्ण बातचीत हुई थी और इसलिए मैं इस बात को पूरी तरह खारिज करता हूं।"
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