मीडिया जगत में कदम रखते वक़्त कभी सोचा भी न था की ये सफ़र इतना रोमांचक होगा. हाँ, इस बात का एहसास ज़रूर था कि बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा. उतार चढाव भरे इस सफ़र में एक समय ऐसा आया जब मुझे महिलाओं के जीवन को करीब से जानने समझने का मौका मिला. इस दौरान महिलाओं के बहुरंगी पहलुओं को टटोलने की पुरजोर कोशिश भी की. इन्ही मुलाकातों की फेहरिस्त में एक नाम है चर्चित अदाकारा काजोल का...
अपनी बेह्तेरीन अदायगी के बूते एक अलग मुकाम हासिल करने वाली अभिनेत्री काजोल के बारे में ये कहा जाता है की वो मीडिया से कम ही बात करती हैं. खासतौर पर अपने इंटरव्यू को लेकर भी वो ज़रा चूजी हैं. लेकिन उनसे सवाल जवाब करते वक़्त मैंने यह महसूस किया की उनका व्यक्तित्व उनकी स्क्रीन इमेज के इतर नहीं है.
-अजय देवगन के साथ ‘हलचल’ फिल्म की शुरुआत से लेकर अब तक एक पत्नी के नज़रिए से आपने उनमें क्या कुछ अलग देखा?
काफी साल हो गए हैं ‘हलचल’ को और हम दोनों अजय और मैं 'वी हैव ग्रोव्न एस पीपल' और हमारी बेटी है आज. १० साल हो गए हैं शादी को तो मुझे लगता है की हमने समय के साथ ग्रो किया है और साथ ही ज़िन्दगी के अनुभव भी लिए हैं. तो एक 'हम' है, जिसको कायम करने के लिए हमने बहुत कोशिश की है.
-आपकी बेटी निसा के बारे में आप क्या सोचती हैं, जब आप उसे देखती हैं?
निसा बेशक एक हिस्सा है, मेरे बदन का एक हिस्सा है, हमारे दिल का एक हिस्सा है तो अगर 'हम' कहें तो निसा अलग नहीं हो सकती. मैं जब भी निसा को देखती हूँ, हो सकता है मैं गलत हूँ, लेकिन मैं उसे कभी अलग नहीं देख सकती. जैसे मेरी ऊँगली, मेरा हाथ या मेरे पैर हैं उसी तरह वो भी हमेशा मेरा हिस्सा रहेगी.
-सिनेमा जगत में आपने एक लम्बी पारी खेली है. लेकिन असल ज़िन्दगी में एक पत्नी, एक माँ का रोल निभाना आपके लिए कितना मुश्किल रहा?
(ज़रा सोचते हुए) मुझे लगता है कि मुश्किल है लेकिन मुझे नहीं लगता की ये नामुमकिन है. जहाँ चाह वहां राह. अगर आपको कुछ करना हो तो कहीं न कहीं से वो वक़्त आप ढूंढ के निकालते हो उसे करने के लिए.
-पिछले दिनों आप कई विज्ञापनों में भी दिखीं। क्या टीवी कमर्शियल को भी फिल्मों की तरह ही गंभीरता से लेती हैं?
नहीं, वहां थोडा सा काम आसान पड़ जाता है. क्यूंकि वहां आपको खुद की एक्टिंग करनी है कोई किरदार नहीं निभाना पड़ता. आप खुद हो एट द एंड ऑफ़ द डे. आए ऍम काजोल इन एन एड. और ये एक मिनी फिल्म की तरह है. आपने दो तीन दिन शूटिंग कर ली और एक फिल्म बन गई. इसलिए ये आसान है.
-फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े परिवार में जन्म लेने का आपको कितना फायदा मिला और कितनी सीख आपने ली?
मेरे परिवार और मेरी ज़िन्दगी में सभी महिलाऐं अमेजिंग रही हैं. और मैंने उनसे बस यही सीखा है कि जो भी काम करो एक सच्चाई के साथ करो और अपना 100 परसेंट देने की कोशिश करो वरना काम मत करो.
-अजय तो फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रख चुके हैं। आपने यू मी एंड तुम में उनके निर्देशन में काम भी किया है। लेकिन, क्या आपका निर्देशन करने का इरादा है ?
मैं अपने घर परिवार और एक्टिंग के करियर से खुश हूँ. निर्देशन में मेरी कोई रूचि नहीं और मुझे परदे के सामने रहना ज्यादा पसंद है. एक्टिंग के अलावा कोई दूसरा करियर मुझे इस वक़्त दिखाई नहीं देता.
बहरहाल, एक बात जो मुझे काजोल में ख़ास नज़र आई. वो ये कि करियर के शिखर पर सालों बने रहने और सफलता का स्वाद चखने के बावजूद वो आज में जीने वाली महिला हैं. अक्सर नामचीन लोगों के साथ ये बात जुड़ जाती है कि वो जितनी ऊंचाई छूने लगते हैं ज़मीनी हकीकत से उतने ही दूर होते चले जाते हैं. हालाँकि डाउन टू एअर्थ वूमेन सेलेब्रिटीज की कोई कमी नहीं लेकिन सिनेमा जगत में ऐसा अनुभव कम ही देखने को मिलते हैं.
-कलिका जैन
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