15 सितंबर 2011
दिल्ली। पेट्रोल की कीमत के एक बार फिर बढ़ने के आसार हैं। सरकारी पेट्रोल कंपनियां पेट्रोल की कीमत 3 रूपये प्रति लीटर तक बढ़ा सकती है। इसके अलावा शुक्रवार को होने वाली ग्रुप ऑफ मिनिस्टर में वित्त मंत्री रसोई गैस पर से सब्सिडी हटाने का निर्णय ले सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो मेट्रो शहरों में एक परिवार को एक निश्चित संख्या में ही गैस सीलेंडर सब्सिडी रेट पर दी जाएगी।
मंहगा होगा पेट्रोल
माना जा रहा है कि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए के मूल्य गिरने की वजह से इंडियन ऑयल,बीपीसीएल और एचपीसीएल की कच्चा तेल आयात करने की लागत बढ़ गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप घरेलू कीमतों में स्थानीय कर सहित सहित 3 रुपए लीटर तक बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
कंपनी के अधिकारी का मानना है कि तीनों सरकारी तेल कंपनियों को लागत से कम कीमत पर पेट्रोल बेचने के कारण प्रति लीटर 2.61 रुपए या रोज 15 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में अब तक 2,450 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। इसलिए तेल कंपनियां जल्द ही पेट्रोल के दाम बढ़ाने पर फैसला लेंगी। गौरतलब है कि पिछले साल जून से सरकार पेट्रोल की कीमत को नियंत्रणमुक्त कर चुकी हैं।
चुकाना पड़ सकता है एक सिलेंडर के लिए 662रुपये
शुक्रवार को मंत्री समूह की बैठक होने वाली है। इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी करेंगे। इस बैठक में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर से सब्सिडी हटाने का मसला भी साफ हो जाएगा। इस बैठक में यह तय होगा कि मेट्रो शहरों में एक परिवार को एक साल में सब्सिडी के कितने सिलेंडर दिए जाएं और इसके बाद प्रति सिलेंडर कितनी राशि ली जाए। खबर है कि सरकार एक परिवार को साल में सब्सिडी के आधार पर सिर्फ 6 सिलेंडर ही मुहैया करा सकती है। इससे ज्यादा के सिलेंडर के लिए परिवार को किसी भी तरह की सब्सिडी नहीं दी जाएगी। ये प्रस्ताव उन लोगों पर लागू होगा जिनके पास कार अथवा दोपहिया वाहन या अपना घर हो या फिर उनका नाम आयकरदाताओं की सूची में शामिल हैं। इस समय रियायत के बाद ग्राहक को प्रति सिलेंडर 395 देना होता है। लेकिन 6 सिलेंडर से ज्यादा लेने पर ग्राहकों को प्रति सिलेंडर 662 रुपये देने पड़ सकते हैं।
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