बड़े धोखे हैं ब्लॉगिंग की राह में
अमिताभ बच्चन से लेकर आमिर खान, सलमान खान, मनोज बाजपेयी और शिल्पा शेट्टी तक कई कलाकार इन दिनों ब्लॉगिंग कर रहे हैं। ऐसे में, अगर माधुरी दीक्षित का ब्लॉग इंटरनेट पर आपको दिखायी दे तो क्या आप उस पर विश्वास नहीं करेंगे? बेहद सलीकेदार अंदाज में अपने परिवार, बच्चों और फिल्मों के बारे में बात करते हुए माधुरी का ब्लॉग एक झटके में हिट हो सकता है। इसी तरह, गूगल सर्च इंजन पर सबसे ज्यादा खोजी जाने वाली सेलेब्रिटी का तमगा हासिल कर चुकी कैटरीना कैफ नेट पर अपनी लोकप्रियता को देखते हुए किसी दूसरे शख्स से ब्लॉग लिखवाना शुरु कर दें तो क्या आप इसका पता लगा सकते हैं? लेकिन, बात माधुरी दीक्षित या कैटरीना कैफ की नहीं है। बात है फर्जी ब्लॉग और फर्जी ब्लॉगरों की। दरअसल, करोड़ों की तादाद में पहुंच गए ब्लॉग अब इंटरनेट पर सिर्फ निजी डायरी भर नहीं रहे। दुनिया भर में लोग ब्लॉगिंग के जरिए न केवल अपनी बात कह रहे हैं, बल्कि धनार्जन कर रहे हैं और अपनी एक खास छवि बनाने में कामयाब हो रहे हैं। ब्लॉग खबरों का मुख्य स्रोत भले न हों,लेकिन मुख्यधारा के मीडिया को समाचार मुहैया कराने लगे हैं। ऐसे में, फर्जी ब्लॉग और फर्जी ब्लॉगर एक अहम माध्यम की विश्वसनीयता और लोकप्रियता को दरका सकते हैं।
यह सवाल क्यों अहम है, इसे चंद उदाहरणों से समझा जा सकता है। पिछले हफ्ते अमेरिका के चर्चित टेलीविजन सेलेब्रिटी मारियो अर्मान्डो उर्फ पेरिज हिल्टन के ब्लॉग के बारे में खुलासा हुआ कि ब्लॉग वो नहीं उनकी बहन बारबरा लिख रही थी, तो उनके कई प्रशंसकों को यकीं नहीं हुआ। अमेरिकी गीत-संगीत, सेलेब्रिटी और फिल्मों के बारे में जमकर लिखने वाले पेरिज हिल्टन के बारे में यह खुलासा नहीं होता, अगर उनकी बहन फरवरी में लिखी एक पोस्ट में जैक्सन नाम के एक ब्लॉगर का जिक्र नहीं करती। इस ब्लॉगर से पेरिज हिल्टन ने सेक्स टेप लिए थे, और बदले में उसके ब्लॉग के प्रचार का जिम्मा लिया था। जैक्सन ने हिल्टन के साथ इस बात का समझौता किया था कि वो उनके नाम का कहीं जिक्र नहीं करेंगे। बारबरा ने जैक्सन के बारे में लिख डाला तो जैक्सन ने फौरन अदालत का दरवाजा खटखटा दिया। अब,अदालत में दिए अपने हलफनामे में हिल्टन ने स्वीकार किया है कि वो पोस्ट उनकी बहन ने लिखी थी। पेरिज हिल्टन डॉट कॉम की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसी साल अप्रैल में इंटरनेट पर वेबसाइटों का ट्रैफिक नापने वाली कंपनी एलेक्सा ने उसे दुनिया की 491वीं और अमेरिका की 143वीं साइट करार दिया था। जुलाई 2007 में पेरिज हिल्टन ने दावा किया था कि सिर्फ एक दिन में उनकी साइट के करीब 90 लाख पेज देखे गए तो उस वक्त भी काफी हंगामा मचा था।
लेकिन,बात सिर्फ पेरिज हिल्टन की नहीं है। अमेरिकी अभिनेत्री लीगटन मीस्टर का भी किसी प्रशंसक ने फर्जी ब्लॉग बना डाला। इस ब्लॉग पर फर्जी ब्लॉगर लगातार मीस्टर बनकर न केवल मनगढ़ंत किस्से लिखता रहा बल्कि प्रशंसकों के सवालों के जवाब भी देता रहा। इसी तरह, अमेरिका में एक महिला के ब्लॉग पर अपने बीमार बच्चे को लेकर गढ़ी मनगढंत कहानी इतनी चर्चित हुई कि बच्चों के लालन-पालन से जुड़ी कई लोकप्रिय और चर्चित वेबसाइट्स ने उस ब्लॉग का लिंक दे दिया। सैकड़ों लोगों ने भावनात्मक कहानी के बहाव में तोहफे और आर्थिक मदद भेजनी शुरु कर दी। इतना ही नहीं, ब्लॉग की लोकप्रियता के बीच कई विज्ञापन कंपनियों ने ब्लॉग पर विज्ञापन देने की पेशकश भी कर डाली। लेकिन, एक गुड़िया की तस्वीर के साथ छेड़खानी कर अपना बीमार बच्चा बताने वाली इस महिला का भंडाफोड़ किया गुड़ियाबनाने वाली एक महिला ने। शिकागो ट्रिब्यून में इस कहानी पर खासी चर्चा हुई थी।
निश्चित तौर पर फर्जी ब्लॉगिंग से जुड़े ज्यादातर किस्से विदेशों के हैं,क्योंकि ब्लॉग वहां एक सशक्त माध्यम के रुप में अपनी जगह बना चुके हैं। लेकिन,भारत में ऐसा नहीं हुआ-ऐसा नहीं है। आईपीएल के दूसरे सत्र के दौरान फेकआईपीएलप्लेयरडॉटब्लॉगस्पॉटडॉटकॉम नामक ब्लॉग किस कदर चर्चित हुआ था, इसका अंदाज सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ आईपीएल के दौरान इस ब्लॉग पर करीब 70,000 टिप्पणियां की गईं। इस ब्लॉग के आज करीब 8200 सदस्य हैं। कोलकाता नाइट राइडर्स समेत तमाम टीमों और खिलाड़ियों के बारे में दिलचस्प अंदाज में अपनी बात कहने और कथित तौर पर कई खुलासे करने वाला इस फर्जी ब्लॉग के लेखक का आज तक कोई अता-पता नहीं है।
फर्जी ब्लॉगिंग एक गंभीर पहलू है,जिससे आने वाले दिनों में भारतीय ब्लॉग जगत के लोग भी लगातार प्रभावित हो सकते हैं। दरअसल,ब्लॉग सिर्फ भड़ास निकालने या दिल की बात कहने भर की एक जगह नहीं है। इसके जरिए खबरें सुनियोजित तरीके से रखी जा सकती हैं। दोतरफा माध्यम इसकी विश्वसनीयता को पुख्ता बनाता है। कई बार ब्लॉग से कंटेंट लिया जाता है, कई बार ब्लॉग पर दिए तथ्यों को कोट() किया जाता है। ब्लॉगर की लेखन शैली, उसके पोस्ट के विषय उसके व्यक्तित्व को एक नया आयाम देती है। कई बार की-बोर्ड पर टाइप करते करते आम ब्लॉगर विश्वसनीयता के उस पायदान पर पहुंच जाता है,जहां से सेलेब्रिटी बनने की राह शुरु होती है। यहां मुख्यधारा का मीडिया ब्लॉग की विश्वसनीयता पर मुहर लगाने का काम करता है।