इस्लामाबाद, 18 अगस्त
पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के भारत पर हमले की साजिश रचने संबंधी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान के एक दिन बाद पाकिस्तानी सरकार ने मंगलवार को कहा कि ऐसी टिप्पणी को हल्के ढंग से नहीं लिया जा सकता है और भारत को ऐसे खतरों से जुड़ी जानकारियां उसे उपलब्ध करानी चाहिए।
मनमोहन सिंह ने सोमवार को आंतरिक्ष सुरक्षा के मसले पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए था कि उनके पास इसकी पुख्ता जानकारी है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गुट भारत में नए हमले करने की फिराक में हैं। उन्होंने सीमा-पार घुसपैठ को प्रमुख खतरा करार दिया था।
प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के दक्षिण एशिया विभाग के महानिदेशक ने सोमवार को भारत के उप उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा को तलब कर कहा था, "आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए पाकिस्तान भारत सरकार को पूरा सहयोग प्रदान करेगा।"
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार उन्होंने वोहरा से कहा कि यह टिप्पणी गंभीर है और इस संबंध में तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।
पाकिस्तान के सूचना राज्य मंत्री सम्साम अली बुखारी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "मैं समझता हूं कि ऐसे बयान की जरूरत नहीं थी। दोनों देशों के रिश्तों में सुधार विशेषकर मनमोहन सिंह और आसिफ अली जरदारी तथा यूसुफ रजा गिलानी की मुलाकातों के बाद ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए था।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी किसी भी जगह समस्या नहीं चाहते क्योंकि पाकिस्तान स्वयं आतंकवाद से पीड़ित है।
(IANS)
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